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ग्रामसभा रद्द होने के बावजूद ग्राम रोजगार सेवक की नियुक्ति का विरोध
डिजिटल डेस्क, देसाईगंज (गड़चिरोली)। तहसील के कुरूड़ ग्राम पंचायत में आयोजित ग्रामसभा ग्राम विकास अधिकारी की अनुपस्थिति के कारण रद्द करने की घोषणा कर दी गई थी। जब ग्रामीण वापस लौट गए तो ग्रापं के कुछ सदस्यों ने अपनी मर्जी से ही ग्राम रोजगार सेवक की नियुक्ति कर दी। इस बात की जानकारी मिलते ही समूचे ग्रामीणों ने ग्रामसभा स्थल पर पहुंचकर हंगामा खड़ा कर दिया। दिनभर तनावपूर्ण स्थिति निर्माण होने से सुरक्षा के लिए देसाईगंज पुलिस थाना के जवानों को भी यहां भेजा गया। ग्राम रोजगार सेवक की नियमबाह्य नियुक्त तत्काल रद्द करने मांग को लेकर ग्रामीणों ने देसाईगंज पंचायत समिति कार्यालय पहुंचकर संवर्ग विकास अधिकारी प्राजक्ता भस्मे को ज्ञापन भी सौंपा।
यहां बता दें कि, कुरूड़ ग्रापं के ग्राम विकास अधिकारी संजय चलाख की माता का निधन होने के कारण उन्होंने ग्रापं पंस की गुट विकास अधिकारी भस्मे को पत्र भेजकर ग्रामसभा में उपस्थिति नहीं रहने की जानकारी दी थी। इस पत्र के आधार पर आयोजित ग्रामसभा को पहले ही रद्द करने की आवश्यकता थी अथवा पंस कार्यालय द्वारा कोई प्रतिनिधि ग्रामसभा में भेजना अनिवार्य था। ग्रामसभा में बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित होने के बाद तकरीबन 208 नागरिकों के हस्ताक्षर लेने के बाद सभा अध्यक्ष सरपंच प्रशाला गेडाम ने ग्राम विकास अधिकारी की अनुपस्थिति में ग्रामसभा रद्द करने की सूचना जारी की। यह सूचना जारी होते ही अधिकांश नागरिक अपने घर लौट गये। सरपंच गेडाम भी अपने घर लौट गयी। इसी मौके का लाभ उठाते हुए कुछ सदस्यों ने सरपंच गेडाम को वापस बुलाकर अपनी ही मर्जी से ग्राम रोजगार सेवक की नियुक्ति कर दी। इस की भनक लगते ही संतप्त हुए ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत कार्यालय पहुंचकर हंगामा खड़ा कर दिया।
नियमबाह्य रूप से की गयी ग्राम रोजगार सेवक की नियुक्ति को तत्काल रद्द करने की मांग पर ग्रामीण अड़े रहें। लोगों की आक्रमकता को देखते हुए सरपंचा गेडाम ने तत्काल पुलिस थाना से संपर्क कर सुरक्षा के लिए जवानों की व्यवस्था मांगी। पुलिस ने भी तत्काल कुरूड़ पहुंचकर मामले को शांत करने का प्रयास किया। लेकिन दिन भर गांव में तनावपूर्ण माहौल बना रहा। ग्रामीणों ने शाम के दौरान देसाईगंज पहुंचकर पंस कार्यालय की गुट विकास अधिकारी प्राजक्ता भस्मे को ज्ञापन सौंपकर ग्राम रोजगार सेवक की नियुक्ति तत्काल रद्द करने की मांग की है। साथ ही मामले की जांच कर नियुक्ति को अपना समर्थन देने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। समाचार के लिखे जाने तक बीडीओ भस्मे ने अब तक अपना फैसला नहीं सुनाया है। इस कारण अब बीडीओ के फैसले पर सभी की निगाहंे लगी हुई है। इस बीच यह नियुक्ति रद्द न करने पर तीव्र आंदोलन छेड़ने की चेतावनी भी कुरूड़ के ग्रामीणों ने दी है।
Created On :   26 Nov 2022 4:01 PM IST