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कक्षा 10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों को ही मिलेगी छात्रावासों में रहने की अनुमति!
डिजिटल डेस्क | रीवा प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत संचालित समस्त सीनियर महाविद्यालयीन छात्रावास, विशिष्ट संस्थान, आवासीय विद्यालय, कन्या शिक्षा परिसर, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय और गुरूकुलम विद्यालयों को खोले जाने के संबंध में निर्देश जारी किये गये है। निर्देशों में कहा गया है कि छात्रावास कोविड-19 से बचाव के साथ सावधानी बरतते हुए संचालित किये जाएँ।
इस संबंध में आयुक्त आदिवासी विभाग ने प्रदेश के जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किये है। प्रदेश में 22 फरवरी से छात्रावास प्रारंभ किये जाने के निर्देश दिये जा चुके है। निर्देशों में कहा गया है कि विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में केवल कक्षा 10वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों को ही रहने की अनुमति दी जाये। कक्षा 9वीं और 11वीं के विद्यार्थियों को छात्रावासों में नहीं रखा जाए। ऐसा करने से छात्रावासों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सकेगा।
प्रदेश में विभाग के महाविद्यालयीन छात्रावासों को भी खोले जाने के लिये कहा गया है। विद्यार्थियों को छात्रावासों में रखने के लिये अभिभावकों से अनिवार्य रूप से सहमित पत्र लिये जाने के लिये कहा गया है। कलेक्टरों को लिखे पत्र में कहा गया है कि प्रत्येक छात्रावास में अलग से एक क्वारेंटाइन कक्ष बनाया जाये। कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से छात्रावास अधीक्षक और अधीक्षकाओं का प्रशिक्षण कराये जाने व्यवस्था की जाये।
प्रत्येक छात्रावास को उनके निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र एवं अन्य शासकीय चिकित्सालयों के साथ समन्वय करते हुए, वहाँ के चिकित्सकों के मोबाइल नम्बर छात्रावास के सूचना पटल पर लिखा जाए। परिपत्र में कहा गया है कि स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से छात्रावासों में नियमित एवं साप्ताहिक स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था की जाए।
किसी विद्यार्थी की कोविड-19 के प्रारंभिक लक्षण या अन्य कोई समस्या होने पर तत्काल प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र में पहुँचाने की व्यवस्था हों। छात्रावासों में स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के लिये कहा गया है। वर्तमान में जिलों में आश्रम, जूनियर छात्रावास अभी नहीं खोले जाने के लिये कहा गया है।
Created On :   26 Feb 2021 1:45 PM IST