अब चंद्रपुर जिले के किसानों को दिन में भी मिलेगी बिजली
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। ‘मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0' के तहत चंद्रपुर जिले में सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने और किसानों को दिन में बिजली देने की योजना है। जिससे जिले के किसानों की कई वर्षों से दिन में बिजली आपूर्ति की मांग पूरी होगी। इस योजना के तहत चंद्रपुर जिले में कम से कम 30 प्रतिशत कृषि चैनल सौर ऊर्जा का उपयोग करके चलाए जाएंगे। इस संदर्भ में जिलाधिकारी विनय गौड़ा जी.सी. ने समीक्षा की।
इस अवसर पर महावितरण की अधीक्षक अभियंता संध्या चिवंडे उपस्थित थीं। जिलाधिकारी ने जिले के सभी उपविभागीय अधिकारियों एवं तहसीलदारों को इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में निर्देशित किया गया। ग्राम पंचायत क्षेत्रों में जहां सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी, वहां विकास कार्यों के लिए 5 लाख रुपए दिए जाएंगे। इस योजना का आर्थिक लाभ भी महत्वपूर्ण है और महावितरण को जो बिजली औसतन 7.35 पैसे प्रति यूनिट की दर से प्राप्त होती है, वह वर्तमान में कृषि को 1.5 पैसे प्रति यूनिट की रियायती दर पर प्रदान की जाती है।
सौर ऊर्जा से प्राप्त होने वाली बिजली लगभग 3.30 पैसे प्रति यूनिट की दर से उपलब्ध होगी और भविष्य में उद्योगों पर क्रॉस सब्सिडी का बोझ कम होगा। उद्योग और व्यवसाय प्रतिस्पर्धी दर पर बिजली की आपूर्ति कर सकेंगे। किसानों के पास सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि किराए पर लेकर 50 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर वार्षिक किराया प्राप्त करने का अवसर है। इस योजना के कई लाभ हैं जैसे कृषि क्षेत्र को समर्थन, उचित दरों पर उद्योगों को बिजली की आपूर्ति, ग्रामीण विकास, बिजली वितरण नेटवर्क में सुधार और राज्य सरकार पर सब्सिडी का बोझ कम करना।
इस योजना में किसानों से लीज पर ली गई जमीन का किराया 50 हजार रुपए प्रति एकड़ और 1 लाख 25 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से दिया जाएगा। साथ ही यह जमीन की लीज 30 साल के लिए होगी। इस योजना के तहत सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए महावितरण के मौजूदा विद्युत सबस्टेशन के तहत 5 कि.मी. परिधि की जमीन किसानों से ली जाएगी। साथ ही यदि यह भूमि सरकारी है तो 10 किमी. परिधीय भूमि पर सौर ऊर्जा परियोजना भी स्थापित की जा सकती है। शासकीय भूमि का एक रुपए नाममात्र किराया देय होगा। शासकीय भूमि उपलब्ध नहीं होने पर किसानों को इस योजना में भाग लेने के लिए महावितरण के पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा।
इस प्रकार है योजना
सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि दान करने वाले कृषकों को भूमि की पुनर्गणना लागत का 6 प्रतिशत निर्धारित दर से या 1 लाख 25 हजार प्रति हेक्टेयर प्रति वर्ष की दर से जो भी अधिक होइसमें हर साल 3 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। जमीन को 30 साल के लिए लीज पर देना होगा। जमीन मौजूदा बिजली सबस्टेशन से 5 किमी के भीतर होनी चाहिए। सौर कृषि पावर चैनल के लिए उपलब्ध कराई गई भूमि गैर-कृषि (एनए) होने की आवश्यकता नहीं है। इन भूमि या सौर ऊर्जा परियोजनाओं को 30 साल तक राजस्व और स्थानीय निकाय कर से छूट मिलेगी। सौर ऊर्जा परियोजनाओं वाली ग्राम पंचायतों को प्रति परियोजना 5 लाख रुपए का फंड दिया जाएगा।
Created On :   4 May 2023 2:20 PM IST