आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर मध्यप्रदेश : नरेन्द्र सिंह तोमर

MP Foundation Day 2022: Narendra Singh Tomar says Madhya Pradesh moving towards self-reliance
आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर मध्यप्रदेश : नरेन्द्र सिंह तोमर
मध्यप्रदेश का 67वां स्थापना दिवस आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर मध्यप्रदेश : नरेन्द्र सिंह तोमर

डिजिटल डेस्क, भोपाल। अपनी स्थापना से अब तक के 67 वर्ष की यात्रा में मध्यप्रदेश ने कई पड़ाव देखे हैं। अतीत में देखें तो मध्यप्रदेश का गौरवशाली इतिहास रहा है। महाराजा विक्रमादित्य, राजा भोज, देवी अहिल्या बाई होल्कर, चंदेल और परमार राजवंशों के कुशल नेतृत्व ने मध्यभारत क्षेत्र को विकास के ऐसे आयाम प्रदान किए हैं जो आज भी ऐतिहासिक धरोहरों के रूप में हमारे बीच मौजूद हैं। दुर्भाग्यवश आजादी के बाद एक लंबे कालखण्ड तक मध्यप्रदेश राजनीतिक अक्षमताओं के कारण विकास से वंचित रहा और बीमारू राज्यों में इसकी गिनती की लाने लगी। लेकिन विगत 19 वर्षों में किए गए प्रयासों ने मध्यप्रदेश के लौटे वैभव को पुर्नस्थापित करने का काम किया है। इसमें भी पिछले साढ़े 8 वर्षों में हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का मध्यप्रदेश के विकास के प्रति विशेष आग्रह एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान के सतत प्रयासों से आज मध्यप्रदेश आत्मनिर्भरता की और तीव्र गति से अग्रसर है। विकास के लगभग सभी पैमानों पर मध्यप्रदेश विगत वर्षों में खरा उतरा है और इसके पीछे केंद्र एवं राज्य सरकार की विकास एवं लोक कल्याण में साझा सहभागिता के साथ ही जनभागीदारी को प्रमुखता से आगे लाना रहा है।

मध्यप्रदेश की विकास यात्रा यूं तो बहुआयामी है, किंतु यदि हम केंद्र एवं राज्य के परस्पर सहयोग और जनभागीदारी से खड़े किए गए विकास मॉडल की बात ही करें तो मध्यप्रदेश का विकास देश-दुनिया में चर्चा का विषय ही नहीं अनुकरणीय भी बन गया है। किस तरह केंद्र सरकार की योजनाओं के उचित, पारदर्शी और प्रभावी क्रियान्वयन से प्रदेश को विकासशील राज्यों की पंक्ति में सबसे आगे लाकर खड़ा किया जा सकता है, इसका अनुपम उदाहरण मध्यप्रदेश है। शिवराज जी ने इन योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए अधिकाधिक जनभागीदारी को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाया है। मुख्यमंत्री के रूप में उनका फोकस एक तरफ मध्यप्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक मूलभूत सुविधाओं को पहुंचाना और हर वर्ग का कल्याण करना रहा है तो वहीं प्रदेश को औद्योगिक विकास एवं अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त करना भी उनका ध्येय रहा है।

विकास के लिए अक्सर एक उपमा उपयोग में की जाती है-डबल इंजन की सरकार। मध्यप्रदेश के संदर्भ में यह उपमा विगत साढ़े 8 वर्षों में सवर्था सार्थक साबित हुई है। वर्तमान में मध्यप्रदेश की विकास दर 19.76 प्रतिशत है जो कि देश में सर्वाधिक है। प्रदेश के सकल घरेलु उत्पाद में 200 प्रतिशत वृद्धि हुई है। प्रदेश की अर्थ व्यवस्था 11 लाख 50 हजार करोड़ रूपए की है और कैपिटल एक्सपेंडीचर 48 हजार करोड़ से अधिक का है। भारत को वर्ष 2026 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनाने के संकल्प को पूर्ण करने मध्यप्रदेश में निवेश प्रोत्साहन के लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।

धन तेरस के अवसर पर 22 अक्टूबर को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने मध्यप्रदेश के 4 लाख 51 हजार परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकानों में गृह प्रवेश कराकर उनके अपनी छत का सपना पूरा किया। प्रदेश में अब तक 30 लाख से अधिक परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का घर दिलाया गया है। हर घर जल की संकल्पना के साथ जल जीवन मिशन के माध्यम से प्रदेश के 40 लाख 30 हजार से अधिक परिवारों में विगत साढ़े 3 साल में नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाने का कार्य किया गया है।

मध्यप्रदेश में सिंचित क्षेत्र 7.5 लाख हेक्टेयर था, जिसे बढ़ा कर 45 लाख हेक्टेयर कर दिया गया है। आने वाले 3 वर्षों में सिंचित क्षेत्र 65 लाख हेक्टेयर होगा। यह कृषि में प्रगति के साथ ही किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने का एक बड़ा माध्यम बना है। प्रदेश में लगातार दस सालों से 18 प्रतिशत से अधिक कृषि विकास दर्ज की गई है जो कि अपने आप में एक रेकार्ड है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, पीएम किसान योजना जैसी योजनाओं के समुचित उपयोग से ही प्रदेश ने यह स्थान प्राप्त किया है।

चंबल के बीहड़ को जोड़ते हुए अटल एक्सप्रेस-वे और अमरकंटक से सीधे गुजरात की सीमा तक बनने जा रहा नर्मदा एक्सप्रेस-वे बनाया मध्यप्रदेश के विकास का नया प्रगति पथ है। देश के शीर्षस्थ एवं गरिमामय आयोजनों के लिए मध्यप्रदेश इस समय पहली पसंद बनता जा रहा है। जनवरी 2023 में इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन का अयोजन होने जा रहा है जिसमें राष्ट्रपति,  प्रधानमंत्री सहित 100 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसके साथ ही इनवेस्टर्स समिट, खेलो इंडिया यूथ गेम्स और जी-20 देशों की बैठक के लिए भी मध्यप्रदेश को चुना जाना यहां की प्रगति का परिचायक है।

प्रदेश के स्थापना दिवस के दूसरे ही दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान लाड़ली लक्ष्मी -2 योजना लाँच करने जा रहे हैं, यह सोशल सेक्टर में मध्यप्रदेश का एक ऐसा सफल नवाचार है जिसने बाद में कई राज्यों ने अपनाया है। 

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास के मूलमंत्र के साथ राष्ट्रउत्थान के लिए कृत संकल्पित हैं। वस्तुतः देखा जाए तो मध्यप्रदेश वह राज्य है जो इस मंत्र को सार्थक करते हुए आत्मनिर्भरता की ओर सतत अग्रसर है। यहां जनभागीदारी और केंद्र-राज्य के साझा प्रयासों से जो विकास गाथा लिखी जा रही है, उसमें विकास के हर कदम में सबके प्रयास कदमताल करते नजर आते हैं।

Created On :   1 Nov 2022 12:00 PM IST

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