नववर्ष में तीन अनाथ बच्चों को मिली ममता की छांव
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। नया वर्ष अनाथ बालकों के लिए शुभकारी साबित हुआ है। जिले के 3 अनाथ बालकों के वर्ष की शुरुआत होते ही उनके अधिकार के अभिभावक व घर मिला है। नए गोद लेने के नियमों के तहत न्यायालयीन प्रक्रिया के बजाय जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से गोद विधान प्रक्रिया शुरू हुई है। जिसके तहत न्यायालय के सामने संबंधित 3 मामले जिलाधिकारी की और हस्तांतरित किए गए थे। जिसके तहत जिलाधिकारी संजय मीणा ने 3 अनाथ बालकों का अंतिम विधान संबंधित अभिभावकों को सौंपा है। बाल न्याय (बच्चों का ध्यान व संरक्षण) अधिनियम 2015 में सुधार कर सुधारित अधिनियम 2021 लागू किया गया है। जिसके तहत 23 सितंबर 2022 के महिला व बाल विकास विभाग अधिसूचना द्वारा प्रसिद्ध किया गया है। सुधारित नियम के नियम क्र.45(3) अन्वये न्यायालय में लंबित होने वाले गोद विधान का मामला यह नियम लागू होने के बाद से जिलाधिकारी तथा दंडाधिकारी को हस्तांतरित है। जिसके तहत गोद विधान के संदर्भ में नए अधिनियम की धारा 61 के तहत गोद विधान के संदर्भ के आदेश देने के अधिकार यह जिलाधिकारी तथा जिला दंडाधिकारी के साथ अतिरिक्त जिलाधिकारी को दिए गए हैं।
जिला बाल संरक्षण कक्ष के माध्यम से बालकों के व अभिभावकों के दस्तावेज जांचे गए। उक्त रिपोर्ट पूर्ण दस्तावेज समेत जिला बाल संरक्षण कक्ष मार्फत जिला महिला बाल विकास अधिकारी ने जिलाधिकारी की ओर अंतिम आदेश के लिए पेश किया था। जिसके तहत 6 जनवरी को रिश्ते के गोद इच्छुक अभिभावकों का मामला जिलाधिकारी संजय मीणा के अंतिम आदेश के तहत एक दिन में 3 मामले हल किए गए है। जिससे संबंधित अभिभावकों को उनके अधिकार के व कानूनी रूप से बालक मिले हंै। तीनों परिवार के सदस्य खुशी में दिखाई दिए। वहीं अनाथ बालकों को भी नववर्ष के आरंभ में ही ममता की छांव मिली है। जल्द ही यह बालक नए घर में जाने वाले है। इस समय जिला महिला व बाल विकास अधिकारी प्रकाश भांदककर, जिला बाल संरक्षक अधिकारी अविनाश गुरनुले, बाल संरक्षण अधिकारी प्रियंका आसुटकर, सामाजिक कार्यक्र्ता तनोज ढवगाये उपस्थित थे।
Created On :   11 Jan 2023 3:12 PM IST