दुष्कर्म के मामले में आरोपी भाजपा के पूर्व विधायक मेहता को हाईकोर्ट ने दी अंतरिम राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने महिला नगरसेवक के साथ दुष्कर्म के कथित आरोप का समाना कर रहे भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता को अंतरिम राहत प्रदान की हैं। हाईकोर्ट ने ठाणे पुलिस की अपराध शाखा को निर्देश दिया है कि वह आरोपी मेहता के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई न करे। मीरा-भायंदर की एक महिला नगरसेवक ने 28 फरवरी 2020 को मेहता के खिलाफ दुष्कर्म का आपराधिक मामला दर्ज कराया था। इस आपराधिक मामले को रद्द किए जाने की मांग को लेकर मेहता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की हैं।
बुधवार को यह याचिका कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बीपी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान मेहता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आबाद पोंडा ने कहा कि मेरे मुवक्किल व शिकायताकर्ता 1999 से विवाहित हैं। दोनों को एक बेटा भी हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ित महिला ने 20 साल बाद दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई हैं। क्योंकि हाल ही में मीरा-भायंदर में हुए चुनाव के दौरान मेरे मुवक्किल ने पीड़ित महिला (शिकायतकर्ता) की बजाय किसी और उम्मीदवार का समर्थन किया था। श्री पोंडा ने कहा कि इस याचिका के प्रलंबित रहते मेरे मुवक्किल को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान की जाए।
पीड़ित महिला की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रिजवान मर्चेंट ने आरोपी मेहता को किसी प्रकार की राहत देने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता 1999 में जब अपने पहले पति से अलग हुई थी तो उस समय याचिकाकर्ता ने उसकी परिस्थितियों का अनुचित लाभ उठाया था। आरोपी ने 1999 में शिकायतकर्ता से विवाह किया था लेकिन यह बात किसी को बताने से इंकार किया था। शिकायतकर्ता इसके लिए राजी नहीं हुई फिर भी उसने आरोपी के साथ अपने संबंध जारी रखे। क्योंकि आरोपी (मेहता) ने शिकायतकर्ता से कहा था कि जब वह अपने राजनीतिक जीवन के शिखर में होगा तब वह अपने व उसके बीच के संबंधों को सार्वजनिक करेगा। उन्होंने कहा कि आरोपी ने मेरे मुवक्किल के उपर जातिगत टिप्पणी भी की थी।
मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने पुलिस को इस मामले को लेकर अपना हलफनामा दायर करने को कहा और मामले की सुनवाई 20 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी। खंडपीठ ने कहा कि यदि आरोपी जांच में सहयोग करता है तो उसके खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई न की जाए। मेहता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 व जाति उत्पीड़न कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
Created On :   4 March 2020 7:28 PM IST
Tags
- महाराष्ट्र सरकार
- महाराष्ट्र
- महाराष्ट्र की खबरें
- महाराष्ट्र ताजा समाचार
- महाराष्ट्र हिंदी समाचार
- महाराष्ट्र समाचार
- महाराष्ट्र सरकार
- महाराष्ट्र
- महाराष्ट्र की खबरें
- महाराष्ट्र ताजा समाचार
- महाराष्ट्र हिंदी समाचार
- महाराष्ट्र समाचार
- महाराष्ट्र सरकार
- महाराष्ट्र
- महाराष्ट्र की खबरें
- महाराष्ट्र ताजा समाचार
- महाराष्ट्र हिंदी समाचार
- महाराष्ट्र समाचार