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कर्नाटक जिले में लोगों को हाथियों से खतरा
- घटनाओं से ग्रामीण चिंतित
डिजिटल डेस्क, मैसूर। कर्नाटक के मौसूर जिले में वन क्षेत्रों से जुड़े गांवों में हाथियों के खतरे ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है।
पिछले दो दिनों में गांवों में तीन घटनाए हुई हैं, अभी भी जान-माल का खतरा बना हुआ है। जहां किसान फसलों के नष्ट होने से चिंतित हैं, वहीं लोग अपनी यात्रा की योजना में फेरबदल कर रहे हैं। हालांकि वन विभाग हाथियों को वापस जंगलों में भेजने में सफल रहा है, लेकिन वे तबाही मचाते हुए लौट रहे हैं।
मैसूर में गांवों की सड़कों और गलियों में घूमते हाथियों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। इस मुद्दे ने मानव-पशु संघर्ष पर बहस को भी जन्म दिया है। हाथियों के खेतों में जाने की घटनाओं से नंजनगुड और हुनसुर तालुक के ग्रामीण सबसे ज्यादा चिंतित हैं। नंजनगुड तालुक के मदुविनहल्ली गांव के किसानों ने हाथी की समस्या का समाधान नहीं होने पर जहर खाने की धमकी दी है।
टूटी दीवार से हाथी गांव में घुस जाते हैं। वन विभाग अभी तक दीवार का पुनर्निर्माण नहीं कर पाया है। हाथियों ने हुनसुर तालुक के पेजनल्ली और हरालल्ली के ग्रामीणों में दहशत पैदा कर दी है। हरालल्ली में भटके एक हाथी ने बुजुर्ग महिला पर हमला किया था, जिससे उसके पैर में फ्रैक्च र हो गया। जंगलों के किनारे रहने वाले ग्रामीण हाथियों की आवाजाही से चिंतित हैं और चाहते हैं कि सरकार उनके जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए कदम उठाए। लेटेस्ट हाथी जनगणना के अनुसार, कर्नाटक 6,072 एशियाई हाथियों का घर है, जिनमें से 5,945 अकेले मैसूरु हाथी रिजर्व (एमईआर) में देखे गए है।
(आईएएनएस)
Created On :   27 April 2022 5:00 AM GMT