छत्तीसगढ़ी व्यंजन बोरे बासी को श्रम दिवस पर मिली नई पहचान

Chhattisgarhi cuisine sack stale got a new identity on Labor Day
छत्तीसगढ़ी व्यंजन बोरे बासी को श्रम दिवस पर मिली नई पहचान
छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ी व्यंजन बोरे बासी को श्रम दिवस पर मिली नई पहचान
हाईलाइट
  • श्रम दिवस को बताया ऐतिहासिक

डिजिटल डेस्क, रायपुर। अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस छत्तीसगढ़ के लिए खास रहा, क्योंकि इस मौके पर यहां के सुबह के मजदूरों के नाश्ते बोरे बासी (एक दिन पुराने पके हुए चावल) को नई पहचान मिली है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से लेकर सरकारी मशीनरी के तमाम जिम्मेदार अफसरों से लेकर आमजन तक ने बोरे बासी का सेवन किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्रम दिवस के मौके पर सभी से बोरे बासी खाने का आह्वान किया था। इसका रविवार को राज्य के हर कोने में मुख्यमंत्री की अपील का असर नजर आया। मुख्यमंत्री बघेल से लेकर राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन के अलावा तमाम अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा मजदूरों व आमजनों ने जो जहां भी था, उसने बोरे बासी को खाया। बोरे बासी सोशल मीडिया ट्वीटर पर भी खूब टेंड किया।

मुख्यमंत्री बघेल ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस के अवसर पर बीटीआई मैदान में आयोजित राज्यस्तरीय श्रमिक सम्मेलन में आज के श्रम दिवस को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के लोगो से बोरे बासी खाने का आह्वान किया था और लोगों ने उनके आह्वान का समर्थन करते हुए इसे विदेशों तक पहुंचा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग लगातार बोरे बासी के बारे में जानकारी जुटा रहे थे और आज अधिकांश लोगों ने बोरे बासी खाया भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक छत्तीसगढ़ी व्यंजन की इस तरह की प्रसिद्धि से गर्व महसूस कर रहे हैं।

बोरे-बासी छत्तीसगढ़ का ऐसा भोजन है जो बचे हुए चावल को पानी में भिगोकर रात भर रख कर बनाया जाता है। फिर सुबह उसमें हल्का नमक डालकर टमाटर की चटनी या अचार और कच्चे प्याज के साथ खाया जाता है। छत्तीसगढ़ के लोग प्राय: सुबह बासी का ही नाश्ता करते हैं। बोरे बासी खाने से न सिर्फ गर्मी और लू से राहत मिलती है, बल्कि बीपी कंट्रोल रहता है डि-हाइड्रेशन की समस्या नहीं होती। राज्यस्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बघेल ने श्रम विभाग की अलग-अलग योजनाओं के हितग्राहियों से मुलाकात की एवं उन्हें सामग्री वितरित की। इस दौरान मुख्यमंत्री श्रमिकों के बच्चों के साथ खेलते हुए भी नजर आए, एक बच्ची को मुख्यमंत्री ने गोद में उठाकर प्यार किया तो वहीं एक अन्य बच्ची को उन्होंने अपने हथेली पर खड़ा कर उसे दुलार दिया।

मुख्यमंत्री बघेल ने बुजुर्ग मजदूरों के लिए श्रमिक सियान सहायता योजना में एकमुश्त 10 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने महिला स्वावलंबियों को आगे बढ़ाने के लिए ई रिक्शा में अब 50 हजार की जगह एक लाख रुपये का अनुदान देने की घोषणा ने की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने ये नोनी सशक्तीकरण योजना में 18 वर्ष की आयु सीमा में 3 वर्ष की वृद्धि करते हुए अब योजना का लाभ 21 वर्ष तक की बालिकाओं को देने की घोषणा की है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   1 May 2022 10:30 PM IST

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