सीएए-एनपीआर: फडणवीस ने सत्तापक्ष पर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, मुंबई। नागरिकता कानून, एनपीआर और एनआरसी के मुद्दे पर विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने राज्य सरकार पर जोरदार हमला बोला। फडणवीस ने कहा कि नागरिकता कानून से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। इसके बावजूद जो लोग अफवाह फैला रहे हैं और राज्य सरकार वोट बैंक की राजनीतिक के चलते ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है और देश विरोधी शक्तियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष को देशहित के बारे में सोचना चाहिए।
फडणवीस ने कहा कि देश को अस्थिर करने के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की ओर से पैसे दिए जा रहे हैं। सीएए विरोधी आंदोलन में बड़े पैमाने पर पैसे आ रहे हैं। महाराष्ट्र में भी ऐसा पैसा आ रहा है। केंद्र के गुप्तचर विभाग ने राज्य सरकार को जानकारी दी थी कि मुंबई में सात सैटेलाइट फोन चल रहे हैं। उम्मीद है इस पर कार्रवाई की गई होगी। उमर खालिद महाराष्ट्र में आकर दो मंत्रियों के पोस्टर लगाकर रैली करता है और कहता है कि ट्रंप भारत में आएंगे तो रास्तों पर उतरिए और अपनी ताकत दिखा दीजिए। उसी दिन दिल्ली में दंगे होते हैं। लेकिन राज्य सरकार ने उमर खालिद पर कोई कार्रवाई नहीं की।
अपनी भूमिका साफ करे शिवसेना
शिवसेना पर हमला बोलते हुए फडणवीस ने कहा कि बालासाहेब ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर वे प्रधानमंत्री बनते हैं तो सबसे पहले बांग्लादेशी और पाकिस्तानी घुसपैठियों को बाहर करेंगे। शिवसेना को भी अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए। फडणवीस ने कहा कि पिछले 40 सालों में 88 लाख शरणार्थी बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान जैसे देशों से आए इनमें से 78 फीसदी अनुसूचित जनजाति के थे। पड़ोस के देशों में उत्पीड़न का शिकार हो रहे धार्मिक अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देना हमारा कर्तव्य है।
विपक्ष-सत्तापक्ष भिड़े
सत्तापक्ष के सदस्यों ने नागरिकता कानून से जुड़ा मुद्दा उठाने पर यह कहते हुए आपत्ति जताई कि मामले की सुनवाई सुप्रीमकोर्ट में चल रही है इसलिए इस पर सदन में नहीं बोला जा सकता। टोकाटाकी के बीच बजट सत्र के आखिरी दिन विधानसभा में नागरिकता कानून, एनपीआर और एनआरसी को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष आपस में भिड़ गए। शोर शराबे के बीच सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी। कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने दोनों पक्षों की तरफ से की गई आपत्तिजनक बातें कार्यवाही से निकालने का आदेश दिया जिसके बाद मामला शांत हुआ।
चीनी प्लास्टिक के फूलों पर लगे पाबंदी
देवेंद्र फडणवीस ने मांग की कि चीन से आ रहे प्लास्टिक के फूलों पर पाबंदी लगाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस फूलों के चलते राज्य के फूल उत्पादक किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। इसके अलावा पर्यावरण के लिहाज से भी प्लास्टिक के फूल नुकसानदेह हैं। फडणवीस ने आरोप लगाया कि स्कूली शिक्षा पोषाहार योजना की निविदा में धांधली की गई। व्यापारी से सांठगांठ कर टेंडर का समय पांच बार बढ़ाया गया। इस मामले की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने आदिवासी विकास विभाग के लिए हो रही खरीदारी में भी गड़बड़ी का आरोप लगाया और कहा कि जिन लोगों को काली सूची में डाला गया था उन्हें ही धान खरीदारी का ठेका दे दिया गया। अंतर्राष्ट्रीय स्कूल खोलने के फैसले पर रोक को भी फडणवीस ने गलत बताया। उन्होंने सवाल किया कि किसके दबाव में ऐसा किया गया।
Created On :   14 March 2020 12:07 PM GMT
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