दिल्ली के तिमारपुर में ब्रिटिश जमाने के ट्रीटमेंट प्लांट की जगह बन रही झील

A lake is being built in place of British era treatment plant in Timarpur, Delhi
दिल्ली के तिमारपुर में ब्रिटिश जमाने के ट्रीटमेंट प्लांट की जगह बन रही झील
दिल्ली दिल्ली के तिमारपुर में ब्रिटिश जमाने के ट्रीटमेंट प्लांट की जगह बन रही झील

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के तिमारपुर में 1940 के करीब अंग्रजों के जमाने के ट्रीटमेंट प्लांट हुआ करते थे, अब उसी जगह पर दिल्ली सरकार प्राकृतिक एसटीपी बनाने के अलावा एक झील भी विकसित कर रही है।इस प्रोजेक्ट का कुल बजट 100 करोड़ है इसमें अकेले प्राकृतिक एसटीपी बनाने का ही बजट 64 करोड़ है। दिल्ली सरकार जिस जगह झील विकसित कर रही है वहां सालों पहले ब्रिटिश ट्रीटमेन्ट प्लांट हुआ करते थे, जो गंदा पानी साफ करने के लिए प्रयोग में आते थे। इस कारण तिमारपुर की जमीन पर गंदा पानी हुआ करता था और बदबू भी बहुत आती थी।

दिल्ली जल बोर्ड ने सालों पहले इस जगह को इस्तेमाल करना भी छोड़ दिया था। वहीं इस साइट पर डीजेबी का ऑक्सिडेशन पॉन्ड है, इसलिए अब इस जमीन पर प्राकृतिक एसटीपी बनाया जा रहा और बची हुई जमीन पर झील विकसित की जा रही है। स्थानीय लोगों को यहां झील और बायोडायवर्सिटी पार्क का काफी लंबे वक्त से इंतजार है।

इस प्रॉजेक्ट के पूरा होने के बाद यहां जमीन में पानी का स्तर तो ऊपर आएगा और साथ ही जैव विविधता भी बढ़ेगी। इसके साथ ही दिल्ली में बन रही अलग अलग झील से आने वाले समय में राजधानी के पास पानी के अपने सोर्स भी होंगे।

झील और एसटीपी बनने के अलावा यहां ब्रॉड वॉक, चिल्ड्रन कैफे, फूड कोर्ट, फुटबॉल ग्राउंड, पाकिर्ंग, फ्लावर गार्डन, म्यूजिक कैफे, लिटरेचर कैफे, किड्स प्ले एरिया भी होगा।दिल्ली सरकार, दिल्ली को झीलों का शहर बनाने के सपने को साकार करने में जुटी है। इस परियोजना के तहत पहले चरण में सरकार की ओर से 250 जलाशयों और 23 झीलों को जीवंत किया जा रहा है। इसका उद्देश्य शहरी बाढ़ को रोकना और अवरुद्ध नालियों से बचने के लिए विभिन्न जलाशयों का निर्माण करना है।

दिल्ली सरकार सस्टेनेबल मॉडल का उपयोग कर झीलों का कायाकल्प कर रही है। झीलों के आस-पास पर्यावरण तंत्र को जीवंत करने के लिए देसी पौधे लगाए जा रहे है। साथ ही सभी जल निकायों को सुंदर रूप देने की दिशा में लगातार मेहनत की जा रही है।

दरअसल दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) 2018 से तैयारी कर रहा है कि दिल्ली को झीलों का शहर की सूची में शामिल किया जाए लेकिन अभी तक ऐसा संभव नहीं हो सका है। अधिकारियों के मुताबिक, यह उम्मीद जताई जा रही है कि 2024 आखिर तक दिल्ली को झीलों का शहर बना दिया जाएगा।

 

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Created On :   18 Sept 2022 12:30 PM IST

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