34 सौ करोड़ की परियोजना को पॉलिथिन का सहारा हालात 8 पेंच परियोजना की नहरों की हालत जर्जर, पॉलीथिन बिछाकर रबी फसलों के लिए दे रहे पानी
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। पेंच परियोजना की लागत बढ़कर करीब 34 सौ करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। हाल ही में प्रदेश सरकार ने पुनरीक्षित लागत की प्रशासकीय स्वीकृति दी है। परियोजना की लागत तो बढ़ते जा रही है, लेकिन निर्माण की गुणवत्ता उतनी ही कमजोर उभरकर आ रही है। खासतौर पर नहरों की हालत जर्जर हो चुकी है। नहरों में कहीं टूट फूट तो कहीं सीपेज की स्थिति बनी हुई है। हालात यह हैं कि नहरों में पॉलीथिन बिछाकर पानी चलाया जा रहा है। यह पहला मौका नहीं है जब नहरों में पॉलीथिन बिछाई गई है, बल्कि पिछले छह साल से नहरें पॉलीथिन के सहारे ही चलाई जा रही हैं।
कहां-कहां बिछाई गई नहरों में पॉलीथिन
1.पेंच परियोजना की राइट बैंक केनाल में सिहोरा के पास 900 मीटर से ज्यादामें पॉलीथिन बिछाकर पानी चलाया जा रहा है। यहां वर्ष 2016 से पॉलीथिन बिछाई जा रही है।
2.टेल डिस्ट्रीब्यूटरी नहर में बम्हनीतुरा गांव के पास करीब 900 मीटर के हिस्से पॉलीथिन बिछाकर पानी चलाया जा रहा है। नौलाझिर के पास भी नहर में यही स्थिति है।
3.गोहरगांव के पास नहर में करीब 100 मीटर की लंबाई में पॉलीथिन बिछाई गई है। वहीं नीलकंठीकला के पास 50 मीटर के हिस्से में नहर पॉलीथिन के सहारे चल रही है।
4.पेंच परियोजना की लेफ्ट बैंक केनाल में नहर का डायवर्सन किया गया है। डायवर्सन वाले हिस्से में भी पॉलीथिन बिछाकर पानी आगे बढ़ाया जा रहा है। हालांकि यहां अभी काम चल रहा है।
हर साल लाखों रुपए सिर्फ पॉलीथिन पर खर्च
पेंच की नहरों में बिना पॉलीथिन बिछाए पानी नहीं चलाया जा सकता है। पिछले 6 साल से पॉलीथिन बिछाने की मजबूरी है। हर साल लाखों रुपए पॉलीथिन पर खर्च किए जा रहे हैं। एक सीजन में ही पॉलीथिन मदद कर पा रही है। खराब होने या फट जाने की स्थिति में हर साल नई पॉलीथिन खरीदने की मजबूरी है। सूत्रों के मुताबिक हर साल दस लाख रुपए से ज्यादा पॉलीथिन पर खर्च हो रहा है।
पॉलीथिन बिछा रहे ठोस उपाय अब तक नहीं
पेंच परियोजना की आरबीसी मुख्य नहर में सिहोरा के पास लाल चिकनी मिट्टी की वजह से केनाल के धंसने की स्थिति बनती है। यहां करोड़ों खर्च कर बोल्डर टो वॉल बनाई गई, लेकिन प्रयोग असफल रहा। शेष नहरों में ठोस उपाय के अब तक कोई प्रयास नहीं हुए हैं। खासबात यह कि ठेकेदारों का काम अभी फाइनल नहीं हुआ है, फिर भी ठेकेदारों से मरम्मत या सुधार कार्य नहीं कराया जा रहा है।
राशि बचने पर सुधार करा पाएंगे
नहरों में सभी जगह अलग-अलग दिक्कतें हैं। नहरों के मरम्मत कार्य को चौथे आरए में शामिल नहीं किया है। ऐसे में फोर्थ आरए से राशि बचने पर ही सुधार कार्य करा पाएंगे। जिन कार्यों की सीसी जारी नहीं हुई है वहां भी मजबूरी में पॉलीथिन बिछाकर काम चलाया जा रहा है। जहां दिक्कतें हैं वहां भविष्य में बॉक्स व लाइनिंग का प्लान है।
-एके देहरिया, अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन विभाग
Created On :   21 Jan 2023 6:15 PM IST