बिहार सियासत: PK की पार्टी को कहां से मिल रही है फंडिंग, जेडीयू नेता नीरज कुमार ने किया बड़ा खुलासा

PK की पार्टी को कहां से मिल रही है फंडिंग, जेडीयू नेता नीरज कुमार ने किया बड़ा खुलासा
  • इस साल होंगे बिहार में विधानसभा चुनाव
  • PK की पार्टी को कहां से मिल रही है फंडिंग
  • जेडीयू नेता नीरज कुमार ने किया बड़ा खुलासा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में अभी से ही पार्टियों ने तैयारियां तेज कर दी है। इस बार राज्य में एक और नई पार्टी चुनाव लड़ने वाली है। जिसकी चर्चा जोरों पर है। यह पार्टी हाल ही में हुए बिहार विधानसभा उपचुनाव में जमकर प्रचार किया था। साथ ही, पार्टी के मुखिया प्रशांत किशोर ने हाल ही में जन सुराज यात्रा निकाली गई थी। जिसमें जमकर पैसा लगाया गया। ऐसे में सवाल उठने लगे कि पार्टी को फंडिंग कौन दे रहा है।

जेडीयू नेता ने खोले राज

इस पूरे मामले पर आज जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पार्टी के इनकम सोर्स के बारे में कहा कि जन सुराज पार्टी को जॉय ऑफ लिविंग ग्लोबल फाउंडेशन से फंडिंग हो रही है। यह चैरिटेबल ट्रस्ट है।

नीरज कुमार ने आगे कहा कि प्रशांत किशोर को स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी पार्टी और इस फाउंडेशन के बीच क्या संबंध है? उन्होंने स्वयं 50 लाख डोनेशन क्यों किया? जनता के लिए यह जानना बेहद आवश्यक है कि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में करोड़ों रुपये का निवेश कहां से हो रहा है?

जेडीयू नेता ने कहा कि जन सुराज पार्टी की स्थापना 28 अगस्त 2023 को हुई जबकि इसका औपचारिक ऐलान गांधी जयंती पर 2 अक्टूबर 2024 को किया गया था। इस दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि पार्टी के पास कोई वित्तीय कमी नहीं है जबकि पार्टी के अतिपिछड़ा प्रकोष्‍ठ के प्रदेश अध्यक्ष रामबली सिंह ने कहा कि पार्टी का बैंक खाता नहीं है। यह विरोधाभास दर्शाता है कि पार्टी में वित्तीय गड़बड़ी है।

नीरज कुमार का आरोप

नीरज कुमार ने कहा कि जन सुराज पहली ऐसी राजनीतिक पार्टी है जो कंपनी की ओर से संचालित हो रही है। जन सुराज पार्टी को जॉय ऑफ लिविंग ग्लोबल फाउंडेशन से फंडिंग मिल रही है जो कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड है।

नीरज कुमार ने दावा किया है कि 2023-24 के दौरान पार्टी को 48.75 करोड़ डोनेशन मिले हैं। अलग-अलग कंपनी से पार्टी को डोनेशन मिले हैं। लेकिन इन कंपनियों की पूंजी से कहीं अधिक राशि डोनेट किया गया है। यह गंभीर सवाल उठाता है कि क्या यह डोनेशन सही तरीके से किया गया था या इसमें कोई गड़बड़ी थी? सवाल उठाया कि क्या प्रशांत किशोर और जॉय ऑफ लिविंग ग्लोबल फाउंडेशन कंपनी के बीच कोई वित्तीय और राजनीतिक गठबंधन है?

Created On :   6 Feb 2025 11:47 PM IST

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