भारत जोड़ो न्याय यात्रा: फिर एक साथ साथ दिखे 'यूपी के दो लड़के', आगरा से अखिलेश-राहुल ने बीजेपी पर साधा निशाना

फिर एक साथ साथ दिखे यूपी के दो लड़के, आगरा से अखिलेश-राहुल ने बीजेपी पर साधा निशाना
  • राहुल गांधी की यात्रा से अखिलेश यादव ने बीजेपी पर साधा निशाना
  • राहुला गांधी ने बीजेपी पर साधा निशाना
  • सात साल बाद एक साथ दिखे राहुल गांधी और अखिलेश यादव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव करीब सात साल बाद एक साथ मंच साझा करते हुए दिखाई दिए। इस पहले साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में राहुल और अखिलेश एक साथ दिखाई दिए थे। लेकिन, एक बार फिर सात साल पहले मशहूर हुई 'यूपी के दो लड़के' एक साथ दिखाई दिए।

रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में अखिलेश यादव शामिल हुए। इस दौरान प्रियंका गांधी ने अखिलेश यादव का स्वागत किया। यात्रा को शामिल होने के बाद अखिलेश यादव और राहुल गांधी एक साथ लाल गाड़ी में भी दिखाई दिए। यात्रा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, "आगरा शहर दुनिया में जाना जाता है। मुझे इस बात की खुशी है कि ये मोहब्बत की दुकान को लेकर चले हैं और यह पूरा शहर मोहब्बत का शहर है। आने वाले समय में लोकतंत्र और संविधान को बचाने की चुनौती हैं। हमें उम्मीद है कि इंडिया गठबंधन और PDA की लड़ाई NDA को हराने का काम करेगी।"

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी सरकार की कोई ऐसी भर्ती नहीं जिसमें पेपर लीक न हो। ये सरकार जानबूझकर पेपर लीक करवाती है, क्योंकि इसकी नीयत में रोजगार देना नहीं है। आज लोकतंत्र और संविधान को बचाने की चुनौती है। इसलिए BJP हटाओ, देश को बचाओ और संकट मिटाओ।

सपा नेता ने आगे कहा कि 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' में चल रहे राहुल गांधी जी, श्रीमती प्रियंका गांधी जी और सभी कार्यकर्ताओं-जनता को आभार व धन्यवाद प्रकट करना चाहता हूं। मुझे खुशी है राहुल गांधी जी, जो मोहब्बत की दुकान लेकर चले हैं, वो अब आगरा में है। आगरा मोहब्बत का शहर है, इसलिए आप यहां से मोहब्बत समेटिए और पूरी यात्रा में बांटते चलिए।

राहुल गांधी ने कहा, "अगर आप गरीब हैं तो आपके साथ 24 घंटे इस देश में अन्याय होगा। नफरत का कारण अन्याय है, इसलिए हमने अपने यात्रा में न्याय शब्द को जोड़ दिया है।" राहुल गांधी ने आगे कहा कि देश में पिछड़े, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक वर्ग के करीब 88% लोग हैं। लेकिन देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों के मैनेजमेंट में इस वर्ग के लोग नहीं मिलेंगे। ये लोग आपको मनरेगा, कांट्रैक्ट लेबर की लिस्ट में मिलेंगे। हमें यही बदलना है और यही सामाजिक न्याय का मतलब है।

Created On :   25 Feb 2024 5:41 PM IST

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