राज्यसभा शीतकालीन सत्र: 15 सांसद पूरे सत्र के लिए सदन से निलंबित, संसद की कार्यवाही में बाधा डालने का है आरोप
- सदन में अनियंत्रित व्यवहार करने का आरोप
- शीतकालीन सत्र के बाकी बचे दिनों के लिए निष्कासित
- पीयूष गोयल ने सदन में रखा निलंबित करने का प्रस्ताव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बुधवार को संसद में हुई सुरक्षा चूक मामले पर विपक्षी दलों ने राज्यसभा और लोकसभा में जमकर हंगामा किया। विपक्ष द्वारा 13 दिसंबर की घटना पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बयान देने की मांग की जा रही थी। इस दौरान राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने टीएमसी सांसद डेरेक ओब्रायन को अनियंत्रित बर्ताव के लिए बाकी शीतकालीन सत्र से सस्पेंड कर दिया। दरअसल, ओब्रायन कल संसद में हुई सुरक्षा चूक की घटना पर चर्चा की मांग कर रहे थे। तब सभापति ने टीएमसी सांसद का नाम लेते हुए उन्हें सदन छोड़ने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, 'डेरेक ओ'ब्रायन को तुरंत सदन छोड़ने के लिए कहा जाता है। उनका कहना है कि वह सभापति की अवहेलना करेंगे। डेरेक ओ'ब्रायन का कहना है कि वह नियमों का सम्मान नहीं करेंगे। यह एक गंभीर कदाचार है। यह एक शर्मनाक घटना है।'
वहीं लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने हंगामा करने के आरोप में कांग्रेस के 5 सांसद टी एन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस को बाकी बचे शीतकालीन सत्र से सस्पेंड कर दिया। लेकिन जब इसके बाद भी विपक्षी सांसदों का हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर ने 9 और सदस्यों को पूरे सत्र से निलंबित कर दिया। इन सदस्यों में बेनी बेहनन, मोहम्मद जावेद, पी आर नटराजन, कनिमोझी, वीके श्रीकंदन, के सुब्रमण्यम, एसआर पार्थिबन, एस वेंकटेशन और मनिकम टैगोर शामिल हैं।
22 दिसंबर तक चलेगा सत्र
उच्च सदन के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि 'डेरेक ओब्रायन नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। इस तरह उन्होंने न सिर्फ नारेबाजी की, बल्कि सदन की कार्यवाही में बाधा डाली है।' इसके अलावा सभापति ने ओ'ब्रायन के अलावा विपक्ष के अन्य सांसद को भी प्रदर्शन करने पर चेतावनी दी। लेकिन इस दौरान कोई भी सांसद सभापति की बात सुनने को तैयार नहीं था।
इस घटना के बाद राज्यसभा के नेता पीयूष गोयल ने इस व्यवहार के लिए टीएमसी सांसद को निलंबित करने का प्रस्ताव सदन में रखा। जिसे सभा ने मंजूर करते हुए सत्र के बाकी बचे दिनों के लिए टीएमसी सांसद को सदन से निष्कासित कर दिया। दरअसल, विपक्ष मांग कर रहा है कि गृह मंत्री दोनों सदनों में इस घटना पर बयान दें। इसके साथ ही आरोपियों को पास देने वाले बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। बता दें कि वर्तमान में संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है, जो 4 दिसंबर से शुरू हुआ था और 22 दिसंबर तक चलने वाला है।
लोकसभा में भी विपक्ष का हंगामा
वहीं सुरक्षा में चूक को लेकर विपक्षी सांसदों ने लोकसभा में जमकर नारेबाजी की। विपक्ष ने इस घटना को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। इस दौरान स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष से लोकसभा सदन में अराजकता न फैलाने की अपील की। वह इस मामले में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सरकार की तरफ से जबाव दिया। उन्होंने कहा, "कल जो घटना हुई, उसकी सबने निंदा की है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। आपने(लोकसभा अध्यक्ष)घटना के जांच के आदेश दिए हैं। हम सभी सांसदों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इस प्रकार से संसद में अराजक स्थिति पैदा करना उचित नहीं है।"
Created On :   14 Dec 2023 1:35 PM IST