रामलला प्राण प्रतिष्ठा: स्वामी अधोक्षजानंद सरस्वती ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पर साधा निशाना
- रामलला प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में पहुंचे साधु संत
- शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने किया बहिष्कार
- शंकराचार्य को शामिल होने का आमंत्रण दिया ही नहीं गया-अधोक्षजानंद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश की अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में पहुंचे साधु संतो ने उन शंकराचार्यों को भला बुरा कह रहे जिन्होंने कार्यक्रम पर सवालिया निशाना खड़ा किया है जो इस आयोजन को राजनीतिक कार्यक्रम बता रहे है। संगम नगरी प्रयागराज में मौजूद साधु संतों ने शंकराचार्यों पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए उनके बयान को अनुचित करार दिया है। स्वामी अधोक्षजानंद सरस्वती ने ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा लगातार सवालिया निशान खड़े किए जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि उन्हें ऐसा करने का कोई अधिकार ही नहीं है।
गोवर्धन पीठ के प्रमुख धर्माचार्य जगतगुरु स्वामी अधोक्षजानंद सरस्वती ने कहा कि सनातन लोगों का 500 साल पुराना सपना साकार हो रहा है। कुछ लोग समारोह में कमियां खोज और अड़चन लगा रहे है। सरस्वती ने आगे कहा कि कुछ लोग अलग-अलग बहाने बनाकर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में विघ्न डालने का काम कर रहे हैं, वह ना तो संत महात्मा और धर्माचार्य हो सकते हैं और ना ही राम भक्त। ऐसा करने वालों को ना तो इतिहास कभी माफ करेगा और ना ही राम भक्त सनातनी।
स्वामी अधोक्षजानंद सरस्वती ने आगे कहा कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती कांग्रेस की भाषा बोल रहे है। उन्हें जब कार्यक्रम में शामिल होने का आमंत्रण दिया ही नहीं गया है। जब उन्हे आमंत्रित ही नहीं किया गया है तो वह बहिष्कार का दावा कैसे कर सकते हैं।
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, "मंदिर का जो निर्माण हुआ है वो अदालत के फैसले से हुआ है, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया और भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण शुरु हुआ और कल उसकी प्राण प्रतिष्ठा है, अगर मोदी देश के प्रधानमंत्री ना होते तो ये फैसला ना हो पाता और यह मंदिर नहीं बन पाता,मैं राम मंदिर के निर्माण और इसके प्राण प्रतिष्ठा के शुभ दिन का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को देना चाहता हूं।
Created On :   21 Jan 2024 4:12 PM IST