लोकसभा का पहला सत्र: स्पीकर बिरला ने पहले स्पीच में ही इमरजेंसी को किया याद, 2 मिनट का रखा मौन, बढ़ा सदन का पारा

स्पीकर बिरला ने पहले स्पीच में ही इमरजेंसी को किया याद, 2 मिनट का रखा मौन, बढ़ा सदन का पारा
  • स्पीकर बने बीजेपी नेता ओम बिरला
  • पीएम मोदी और राहुल गांधी ने दी बधाई
  • एमरजेंसी को ओम बिरला ने किया याद

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीजेपी के दिग्गज नेता और कोटा से सांसद ओम बिरला को बुधवार के दिन लोकसभा का स्पीकर चुन लिया गया। चुनाव खत्म होने के बाद पक्ष और विपक्ष दोनों ने ओम बिरला को बधाई दी। विपक्ष ने अपने भाषण के जरिए ओम बिरला पर दबे अंदाज में निशाना भी साधा। जिसके बाद ओम बिरला ने अपनी पहली स्पीच में कड़ा रुख अख्तियार किया। उन्होंने अपने भाषण के जरिए आपातकाल का जिक्र कर सदन का पारा बढ़ा दिया। 1975 में इंदिरा सरकार के द्वारा लगाई गई आपातकाल की बरसी पर बिरला ने बुधवार को सदन में इमरजेंसी की कड़े शब्दों में निंदा की। बिरला ने इमरजेंसी को भारत के इतिहास का काला अध्याय बताया। उन्होंने इसके लिए कांग्रेस को घेरा और सदन में दो मिनट का मौन भी रखवा दिया।

लोकसभा में आपातकाल पर पेश किए गए प्रस्ताव पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा- ये सदन 1975 में देश में आपातकाल(इमरजेंसी) लगाने के निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करता है। इसके साथ ही हम, उन सभी लोगों की संकल्पशक्ति की सराहना करते हैं, जिन्होंने इमरजेंसी का पुरजोर विरोध किया, अभूतपूर्व संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा- जब हम आपातकाल (इमरजेंसी) के 50वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, ये 18वीं लोकसभा, बाबा साहब आंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान को बनाए रखने, इसकी रक्षा करने और इसे संरक्षित रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराती है।

इमरजेंसी को किया याद

ओम बिरला ने कहा- इमरजेंसी ने भारत के कितने ही नागरिकों का जीवन तबाह कर दिया था, कितने ही लोगों की मृत्यु हो गई थी। इमरजेंसी के उस काले कालखंड में, कांग्रेस की तानाशाह सरकार के हाथों अपनी जान गंवाने वाले भारत के ऐसे कर्तव्यनिष्ठ और देश से प्रेम करने वाले नागरिकों की स्मृति में हम दो मिनट का मौन रखते हैं।

ओम बिरला ने आगे कहा कि आंतरिक सुरक्षा रखरखाव अधिनियम में बदलवा करके कांग्रेस पार्टी ने सुनिश्चित किया कि हमारी अदालतें गिरफ्तार लोगों को न्याय नहींं दे पाएं। मीडिया को सच लिखने से रोकने के लिए अधिनियम लाए गए। इस काले खंड में संंविधान में 38वां, 39वां, 40वां, 41वां और 42वां संविधान संशोधन किया गया। इसका उद्देश्य था कि सारी शक्तियां एक व्यक्ति के पास आ जाएं।

अनगिनत बलिदानों के बाद मिली दूसरी आजादी- बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा- 1975 में आज के ही दिन तब की कैबिनेट ने इमरजेंसी का पोस्ट-फैक्टो रेटिफिकेशन किया था, इस तानाशाही और असंवैधानिक निर्णय पर मुहर लगाई थी। इसलिए अपनी संसदीय प्रणाली और अनगिनत बलिदानों के बाद मिली इस दूसरी आजादी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने के लिए, आज ये प्रस्ताव पास किया जाना आवश्यक है। हम ये भी मानते हैं कि हमारी युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के इस काले अध्याय के बारे में जरूर जानना चाहिए।

2024 लोकसभा चुनाव पर बोले बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा- यह 18वीं लोकसभा लोकतंत्र का विश्व का सबसे बड़ा उत्सव है। अन्य चुनौतियों के बावजूद 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने पूरे उत्साह के साथ चुनाव में भाग लिया। मैं सदन की ओर से उनका और देश की जनता का आभार व्यक्त करता हूं। निष्पक्ष, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव प्रक्रिया संचालित करने के लिए और दूर-दराज के क्षेत्रों में भी एक भी वोट पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा किए गए प्रयासों के लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार एनडीए सरकार बनी है। पिछले एक दशक में लोगों की अपेक्षाएं, आशाएं और आकांक्षाएं बढ़ी हैं। इसलिए, यह हमारा दायित्व बनता है कि उनकी अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को प्रभावी तरीके से पूरा करने के लिए हम सामूहिक प्रयास करें।

18वीं लोकसभा के अध्यक्ष चुने जाने के बाद भाजपा सांसद ओम बिरला लोकसभा स्पीकर पद की कुर्सी पर बैठे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने उन्हें स्पीकर पद के आसान तक पहुंचाया।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री मोदी, सदन के सभी सदस्यों को मुझे फिर से सदन के अध्यक्ष के रूप में दायित्व निर्वाहन करने का अवसर देने के लिए सबका आभार व्यक्त करता हूं। मुझ पर भरोसा दिखाने के लिए भी मैं सभी का आभारी हूं।"

Created On :   26 Jun 2024 10:55 AM GMT

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