पीएम मोदी ने किया था दौरा: स्त्री रोग विशेषज्ञ की कमी, आने जाने के साधन नहीं, जॉब के लिए पर्याप्त ऑप्शन नहीं- चुनावी मुद्दों की बाढ़, लक्षद्वीप किसके साथ?
- चुनाव में कैसे मिलेगा जनता का साथ?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के आगाज में कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं। इसके लिए राजनीतिक दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं। देश के कई राज्यों में पहले चरण की वोटिंग प्रक्रिया 19 अप्रैल से शुरू होने वाली है। इस कड़ी में केंद्रीय शासित राज्य लक्षद्वीप भी शामिल है। द्वीपीय राज्य में राष्ट्रीय से लेकर स्थानीय दल जमकर चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। हालांकि, चुनावों को लेकर वहां के नागरिकों के बीच नाराजगी देखी जा रही है। सूत्रों की मुताबिक, यह नाराजगी इस बात को लेकर है कि पार्टियां उनकी परेशानियों और तकलीफों को नजरअंदाज कर रही है। दरअसल, राज्य के एंड्रोथ द्वीप में मतदान शुरु होने से कुछ दिन पहले महिला मतदाताओं ने स्त्री रोग विशेषज्ञों को लेकर मांग उठाई है। इसके साथ ही द्वीपसूमह में स्थानीय लोगों और टूरिस्ट के आवागमन सुविधाओं को मुहैया कराने की मांग भी की जा रही है। बता दें, लक्षद्वीप में एंड्रोथ एकलौता द्वीप है।
लक्षद्वीप में महिलाओं की नाराजगी
इन सब मुद्दों को लेकर लोकल रेजिडेंट शमीमा कमाल ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में खुलकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप में गाइनाकोलॉजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ) की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि एंड्रोथ द्वीप में स्त्री रोग विशेषज्ञों की कमी है। ऐसे में बीमारी के समय इलाज करवाने के लिए गाइनाकोलॉजिस्ट को अन्य द्वीपों से बुलवाना पड़ता है। शमीमा ने कहा कि लक्षद्वीप में गाइनाकोलॉजिस्ट की सुविधा उपल्बध कराई जाए। जिससे हम अन्य द्वीपों से डॉक्टर्स को बुलाने की आवश्यकता न हो। उन्होंने कहा कि एंड्रोथ द्वीप की इस समस्या को हल करने पर जोर दिया जाना चाहिए। बातचीत के दौरान शमीमा ने द्वीपसमूह के बीच पर्यटन के सुधार को लेकर भी खास चर्चा की। उन्होंने कहा कि जब भी हमे एक द्वीप से दूसरे द्वीप के बीच जाना होता है। तो हम बोट और टिकट आसानी से उपलब्ध नहीं होती है। यह हमारे अधिकार की बात है। इन मांगों को पूरा करने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
शमिमा ने बताया कि हमे एंड्रोथ द्वीप में आवाजाही के लिए बेहतर बोट और टिकट सुविधाओं की आवश्यकता है। जब भी हमें दूसरे द्वीप में जाना होता है तो इन सुविधाओं की कमी के चलते हमें सफर करने में इन समस्याओं से जूझना पड़ता है। हमें खुद अपने द्वीप में इन परेशानी को झेलना पड़ता है। इसलिए हमारी मांग है कि इन सारी दिक्कतों से जल्द ही राहत दी जाए।
लक्षद्वीप में स्त्री विशेषज्ञों और पर्यटन व्यवस्थाओं की कमी के अलावा महिलाओं की नौकरी भी अहम मुद्दा है। इस बारे में एक अन्य महिला नौरीन शाहना ने बताया कि स्थानीय महिलाओं ने भी नौकरी करने की इच्छा जाहिर की है। वह मुख्य रूप से प्राइवेट सेक्टर में काम करना चाहती हैं। हालांकि, इसके पूरा न होने के पीछ भी दो बड़े कारण हैं। पहला यह कि द्वीपसमूह में आवाजाही की परेशानी के चलते उचित समय पर बोट से यात्रा करने के लिए टिकट की खरीदी नहीं हो पाती है। दूसरा यह कि प्राइवेट सेक्टर में भर्ती इतनी ज्यादा नहीं होती है। इस कारण से महिलाओं को नौकरी के अवसर नहीं उपलब्ध हो पाते हैं।
अस्पताल की आवश्यकता
इन मुद्दों के तरह लक्षद्वीप में अस्पताल को लेकर भी बड़ा मसला बना हुआ है। इस बारे में एंड्रोथ द्वीप की स्थानीय रहवासी सीना ने बताया कि यहां के लोगों को एक सुविधाजनक अस्पताल की जरूरत है। ताकि, महिलाओं के स्त्री रोग से संबंधित समस्याओं को अपॉइंटमेंट और मेडिकल ट्रीटमेंट सरलता से मुहैया हो पाए। अस्पताल के जरिए स्थानीय लोगों को अत्याधुनिक मेडिकल सेवाओं की पूर्ति के लिए डॉक्टर्स सपोर्ट की टीम भी मौजूद रहे। सीना ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि बेहतर अस्पतालों के साथ डॉक्टर्स की सुविधाओं की विशेष रूप से जरूरत है। वहीं, द्वीपीय प्रदेश में बेहतर शिक्षा और स्कूल में शिक्षकों की व्यवस्था में सुधार भी एक जरूरी मुद्दा है।
गौरतलब है कि लक्षद्वीप में कुल वोटोर्स 57,574 के करीब हैं। इनमें से कुल 28,442 महिला वोटोर्स हैं। वोटर्स के लिहाज से देखें तो भारत में लक्षद्वीप सबसे छोटा लोकसभा क्षेत्र है। जहां एक ही लोकसभा सीट है।
Created On :   12 April 2024 5:22 PM IST