कांग्रेस को मिल गई सचिन पायलट को मनाने की ट्रिक, इस जिम्मेदारी के साथ कांग्रेस में ही टिकेंगे पायलट!

कांग्रेस को मिल गई सचिन पायलट को मनाने की ट्रिक, इस जिम्मेदारी के साथ कांग्रेस में ही टिकेंगे पायलट!
  • राजस्थान का किला फतह करने को तैयार
  • गहलोत-पायलट एक साथ!
  • भाजपा की घेराबंदी

डिजिटल डेस्क, जयपुर। कर्नाटक में जीत का झंडा बुलंद करने वाली कांग्रेस राजस्थान का किला फतह करने के लिए तैयारियों में जुट गई है। इसी को देखते हुए प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट में विवाद को खत्म करने के लिए हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। ताकि दोनों नेताओं के आपसी विवाद के चलते पार्टी को राजस्थान की सत्ता से बाहर न होना पड़े।

बता दें कि, इस साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसको देखते हुए कांग्रेस ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने सबसे पहले गहलोत-पायलट विवाद को खत्म करने की रणनीति बनाई है। कहा जा रहा है कि सचिन पायलट को बागी होने से पहले पार्टी उनको बड़ा दायित्व दे सकती है ताकि वो कांग्रेस के साथ बनी रहे। सूत्रों के मुताबिक, सचिन पायलट को कांग्रेस आलाकमान राजस्थान का प्रदेशाध्यक्ष बना सकता है क्योंकि साल 2018 के चुनाव के दौरान सचिन पायलट ही पीसीसी चीफ थे। जिनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने शानदार प्रदर्शन कर 200 विधानसभा सीटों में से 100 सीटों पर जीत हासिल की थी और सरकार बनाने में सफल रही थी।

सचिन पायलट बनेंगे राजस्थान के 'किंग'?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे लगभग-लगभग सचिन पायलट के नाम पर मोहर लगा चुके हैं कि आने वाले दिनों में कांग्रेस की कमान पायलट के हाथों में ही होगी। हालांकि, पार्टी शीर्ष नेतृत्व के इस फैसले से सीएम अशोक गहलोत नाखुश बताए जा रहे हैं। उनका कहना है कि, पिछले कुछ सालों से जिस तरह सचिन पायलट ने सरकार को बदनाम करने की कोशिश की है उतना तो विपक्ष के नेताओं ने भी नहीं की है। लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि खड़गे के हस्तक्षेप की वजह से गहलोत पूरी तरह से न ही सही लेकिन मान गए हैं। फिलहाल कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रदेश की कमान गोविंद सिंह डोटासरा संभाल रहे हैं। जिनकी जल्द ही राजस्थान कांग्रेस में भूमिका बदल सकती है।

पायलट के नाम पर गहलोत की आनाकानी

गहलोत ने राजस्थान कांग्रेस प्रदेश की कमान संभालने को लेकर हाईकमान से कहा है कि, हाल ही में भाजपा ने अपना प्रदेशाध्यक्ष जाट नेता सतीश पूनिया को बदल दिया था। ऐसे में गोविंद सिंह डोटासरा को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष से हटाती है तो जाट वोटर्स का लाभ नहीं उठा पाएगी। इसलिए डोटासरा ही इस पद के लिए ठीक हैं। बता दें कि, मौजूदा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सीएम अशोक गहलोत के बड़े करीबी माने जाते हैं। कहा जाता है कि अगर कोई भी बड़ा फैसला लेना होता है तो दोनों नेता आपस में बैठकर ही लेते हैं। गहलोत के इस बयान पर शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें एक छूट दी हुई है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी हाईकमान ने गहलोत से कहा है कि, आगामी चुनाव में कांग्रेस जीत हासिल करती है तो आप जाट नेता से किसी को उपमुख्यमंत्री बना सकते हैं आप चाहें तो ये पद डोटासरा को दे सकते हैं। लेकिन प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी सचिन पायलट के पास ही जाएगी।

गहलोत-पायलट की जोड़ी से 'जीत की तैयारी'

दरअसल, पार्टी हाईकमान कर्नाटक में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की जोड़ी को देखते हुए राजस्थान में भी पायलट-गहलोत की जोड़ी तैयार करने में लगी हुई है। कांग्रेस को आशा है कि अगर गहलोत-पायलट को एकजुट कर लिया गया तो राजस्थान के रण में भाजपा से निपटने में काफी आसान हो जाएगी। इस लिहाज से सचिन पायलट को प्रदेशाध्यक्ष बना सकती है। कहा जा रहा है कांग्रेस सचिन पायलट को एक साल के लिए प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी सौंपने वाली है। जिसके लिए सचिन भी मान गए हैं। हालांकि, अब देखना होगा कि सचिन पायलट कांग्रेस अध्यक्ष की कमान राजस्थान में संभाल लेते हैं तो सीएम अशोक गहलोत के साथ उनके संबंध कैसे रहते हैं।

Created On :   26 May 2023 11:07 AM GMT

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