Aurangzeb Statement Case: अबू आजमी के औरंगजेब वाले बयान पर सियासत तेज, सस्पेंड होने पर उद्धव ठाकरे की आई प्रतिक्रिया, कहा- स्थायी रूप से करना था निलंबन

- अबू आजमी के औरंगजेब वाले बयान पर सियासत तेज
- सस्पेंड होने पर उद्धव ठाकरे की आई प्रतिक्रिया
- कहा- स्थायी रूप से करना था निलंबन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सपा विधायक अबू आजमी के औरंगजेब वाले बयान पर जमकर सियासत हो रही है। इस बीच शिवसेना-यूबीटी के चीफ उद्धव ठाकरे ने मांग की है कि अबू आजमी को केवल एक सत्र के लिए नहीं बल्कि स्थायी रूप से निलंबित कर दिया जाना चाहिए।
सपा विधायक अबू आजमी के निलंबन का सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने स्वागत किया है। उद्धव ठाकरे ने कहा- बजट सत्र दो-तीन हफ्ता चलेगा। स्थायी रूप से निलंबन होना चाहिए।'' निलंबन पर सपा चीफ अखिलेश यादव ने आपत्ति जताई। साथ ही, उन्होंने कहा कि सच पर लगाम नहीं लगाया जा सकता। इस पर उद्धव ठाकरे ने कहा- वो आपत्ति जताएं लेकिन पूरे महाराष्ट्र ने अबू आजमी के बयान पर आपत्ति जताई है। उनको चुनकर लाना है तो यूपी से चुनकर लाएं। सच का क्या मतलब है, सच वह जानते हैं। बता दें कि, शिवसेना-यूबीटी और सपा दोनों ही इंडिया गठबंधन का हिस्सा है।
सपा नेता अबू आजमी के औरंगजेब वाले बयान पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि अगर विचारधारा के चलते किसी को निलंबित किया जाने लगा तो स्वतंत्रता और परतंत्रता में क्या अंतर होगा? इसी के साथ अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी को घेरे में लेते हुए कहा कि आजाद ख्याल कहें आज का, नहीं चाहिए भाजपा। आपको बता दें कि, बुधवार (5 मार्च) को अबू आजमी ने 3 मार्च को औरंगजेब की तारीफ की थी जिसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज आबू आजमी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात की भी की थी।
अखिलेश यादव का रिएक्शन
समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अबू आजमी को विधानसभा से सस्पेंड किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि निलंबन का आधार यदि विचारधारा से प्रभावित होने लगेगा तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और परतंत्रता में क्या अंतर रह जाएगा। हमारे विधायक हों या सांसद उनकी बेखैफ दानिशमंदी बेमिसाल है। कुछ लोग अगर सोचते हैं कि ‘निलंबन’ से सच की जुबान पर कोई लगाम लगा सकता है तो फिर ये उनकी नकारात्मक सोच का बचपना है।
बीजेपी पर निशाना
अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर तंज करसते हुए कहा कि आजाद ख्याल कहें आज का, नहीं चाहिए भाजपा!
कहां से शुरू हुआ विवाद?
औरंगजेब से जुड़ा यह विवाद सोमवार (3 मार्च) को शुरू हुआ था जब अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफों के पुल बांधे थे। उन्होंने कहा था कि- औरंगजेब इंसाफ पसंद बादशाह था। उसके कार्यकाल में ही भारत सोने की चिड़िया बना। मैं औरंगजेब को क्रूर शासक नहीं मानता हूं। औरंगजेब के समय में राजकाज की लड़ाई थी, धर्म की नहीं थी, हिंदू-मुसलमान की लड़ाई नहीं थी। औरंगजेब ने अपने कार्यकाल में कई हिंदू मंदिरों का निर्माण करवाया। औरंगजेब को लेकर गलत इतिहास दिखाया जा रहा है।
Created On :   5 March 2025 6:49 PM IST