Delimitation Dispute: परिसीमन विवाद को लेकर तेलंगाना में भी सियासत गर्म, कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

- परिसीमन विवाद को लेकर तेलंगाना में भी सियासत गर्म
- कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
- स्टालिन ने 7 राज्यों के सीएम को बैठक के लिए बुलाया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। परिसीमन विवाद को लेकर तेलंगाना में भी सियासत गर्म हो गई है। अब इस पूरे मामले पर कांग्रेस नेता और तेलंगाना के मंत्री डी. श्रीधर बाबू का बयान सामने आया है। डी. श्रीधर बाबू कहा- केंद्र सरकार दक्षिण भारतीय राज्यों, खास तौर पर तेलंगाना के हितों पर विचार किए बिना परिसीमन की जो कवायद करने की योजना बना रही है, वह हमारे लोगों के लिए नुकसानदेह होगी, जो संसद में अपनी राजनीतिक आवाज का इस्तेमाल करेंगे। केंद्र सरकार से हमारी मांग और अनुरोध है कि 1971 की जनगणना को स्थगित कर दिया जाए और उसके आधार पर परिसीमन प्रक्रिया जारी रखी जाए या प्रत्येक राज्य के लिए आनुपातिक आधार पर संसद की संख्या में वृद्धि का प्रतिशत लिया जाए।
तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी ने भी साधा निशाना
इसके अलावा कांग्रेस के अन्य कई नेताओं ने परिसीमन विवाद को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। साल 2026 में परिसीमन होने वाला है। जिसे लेकर अभी से सियासत गर्म है। पहले केंद्र सरकार के खिलाफ तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन ने मोर्चा खोला था। अब तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने भी स्टालिन का समर्थन किया है। रेवंत रेड्डी ने कहा कि केंद्र की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी प्रस्तावित परिसीमन के जरिए दक्षिण के राज्यों से बदला लेनी चाहती है। उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है।
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2025 कार्यक्रम में रेवंत रेड्डी ने कहा कि परिसीमन के जरिए बीजेपी संसद में दक्षिण राज्यों का प्रतिनिधित्व कम करना चाहती है। क्योंकि, प्रस्तावित परिसीमन जनसंख्या के आधार पर होना है। ऐसी स्थिति में दक्षिणी राज्यों में लोकसभा सीटें कम हो सकती हैं। क्योंकि, उत्तर भारतीय राज्यों की अपेक्षा साउथ के राज्यों में जनसंख्या वृद्धि नियंत्रित रही है और आनुपातिक आबादी कम है।
तेलंगाना के सीएम ने कहा कि दक्षिण में बीजेपी का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। इसलिए वह परिसीमन के जरिए बदला लेना चाह रही है। बीजेपी इस कवायद के जरिए संसद में दक्षिण को कमजोर करना चाहती है। उत्तरी राज्यों को फायदा पहुंचाना चाहती है। क्योंकि, बीजेपी उत्तर भारत में मजबूत स्थिति में है।
स्टालिन ने 7 राज्यों के सीएम को बैठक के लिए बुलाया
इधर, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने 7 राज्यों के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बैठक के लिए बुलाया है। जिसमें पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और बीजेपी शासित ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी का नाम शामिल हैं।
स्टालिन केंद्र सरकार के खिलाफ परिसीमन का विरोध कर रहे हैं। निजी मीडिया चैनल रिपोर्ट के मुताबिक, एमके स्टालिन इन सभी मुख्यमंत्रियों को केंद्र की प्रस्तावित परिसीमन का विरोध करने के लिए बनाई गई जॉइंट एक्शन कमेटी में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने केरल के सीएम पी विजयन, कर्नाटक के सिद्धारमैया, तेलंगाना के रेवंत रेड्डी, आंध्र के चंद्रबाबू नायडू और पुडुचेरी के एन रंगास्वामी, ममता बनर्जी और मोहन चरण माझी को 22 मार्च को चेन्नई में होने वाली मीटिंग के लिए आमंत्रित किया है।
Created On :   7 March 2025 11:41 PM IST