2000 रुपए के नोट पर सियासी घमासान जारी, दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी और अमित शाह से किए सवाल
- दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने 19 मई को सूचना जारी कर कहा कि देश में जल्द ही 2000 रुपये के चलन नोट को बंद कर दिया जाएगा। फिलहाल 2 हजार के नोट को अभी देश की जनता पहले जैसे ही यूज कर सकती है। आरबीआई द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक, 30 सितंबर 2023 तक लोग अपने पास के बैंकों में 2000 के नोट जमा कर सकते हैं। हालांकि, इसमें एक शर्त है कि आप एक दिन में 20 हजार रुपये तक के ही नोट को एक्सचेंज कर सकते हैं। जब से 2 हजार के नोट को बैन करने का ऐलान किया गया है, तब से ही विपक्ष के नेता बीजेपी और आरबीआई पर आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं और 2000 के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने के फैसले का जमकर विरोध कर रहे हैं। इसे लेकर देश में सियासी घमासान मचा हुआ है। विपक्षी नेता मोदी सरकार को घेरने में लगे हुए हैं। इस बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
दिग्विजय ने केंद्र पर बोला हमला
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, "सितंबर 2016 में 500 रुपये और 1000 के नोट एक दिन केवल 4 घंटो में काग़ज़ के टुकड़े रह गए। देश के मेहनतकश करोड़ों लोगों की कमाई का पैसा निकालने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ा।"
उन्होंने ट्वीट किया, "दलालों ने कमीशन लेकर 500 के पुराने नोट 350-400 रुपए में ख़रीदे। और 1000 के पुराने नोट 750-800 रुपए में ख़रीदे। उस वक्त मोदी जी ने नोटबंदी करने की आवश्यकता क्या बताई। भ्रष्टाचार समाप्त हो जाएगा। आतंकवाद समाप्त हो जाएगा। काला धन निकल आयेगा। नक़ली नोट समाप्त हो जाएंगे।" कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने अपने अगले ट्वीट में कहा, "क्या यह चारों उद्देश पूरे हुए? नहीं हुए। फिर उन्होंने कहा कैश ट्रांजेक्शन कम हो जाएगा, डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ जाएगा। क्या कैश ट्रांजेक्शन कम हुआ? नहीं हुआ।"
पीएम मोदी और अमित शाह से पूछे सवाल
अपने ट्वीट से दिग्विजय सिंह केंद्र सरकार पर बहुत ज्यादा हमलावर लग रहे थे। उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए ट्वीट किया कि साल 2016 में बाज़ार में कैश की उपलब्धता 17.50 लाख करोड़ रुपए थी अब यह बढ़ कर 34 लाख करोड़ हो गई है। कैश ट्रांजेक्शन कम होने के बजाय बढ़ गए हैं। आज तक पीएमओ ने बाज़ार में कैश की उपलब्धता बढ़ने का कारण नहीं बताया। दिग्विजय सिंह ने आगे कहा, "साल 2016 में 2000 के नोट लाने का क्या कारण था? और अब उसे समाप्त करने का क्या करण है? हमें तो समझ में नहीं आया। 2000 के नोट छापने पर जो फिजूल खर्ची हुई। उसके लिए मोदी जी आप ज़िम्मेदार हैं।"
कांग्रेस नेता ने कहा कि 2000 के नोट बड़े लोगों के पास हैं। उन्हें परिवर्तित करने के लिए 4 महीने और गरीबों के पुराने 500 और 1000 के नोटों को बदलने के लिए 4 घंटे? क्या 2000 के नोट गरीब मजदूर किसान रखता है? इस से साबित होता है, मोदी और शाह की सरकार गरीब, किसान, मजदूर और छोटे व्यापारी के खिलाफ है और वे केवल बड़े लोग जिनके पास करोड़ों का काला धन है उनके पक्ष में हैं।
Created On :   21 May 2023 5:43 PM IST