विधानसभा चुनाव 2023: अब राजस्थान में भी बढ़ी CM योगी के रैली की डिमांड, पहले भी हिंदी भाषी बेल्ट वाले राज्यों पहुंचा चुके हैं बीजेपी को फायदा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं। लेकिन, अभी राजस्थान और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने बाकी हैं। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश के नेता भी चुनावी रैली और जनसभा करते हुए नजर आ रहे हैं। जहां समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती अपने-अपने दलों के लिए चुनाव प्रचार करते नजर आ रहे हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी डिमांड इन राज्यों में खूब देखने को मिल रही है। हाल ही में उन्होंने मध्य प्रदेश के कई जिलों में चुनावी रैली को संबोधित किए हैं।
राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में राज्य में सीएम योगी की जनसभाओं की भारी डिमांड देखने को मिल रही है। बीजेपी ने तो राजस्थान में स्टार प्रचारक की लिस्ट में सीएम योगी को बतौर पार्टी प्रचारक शामिल किया है। पार्टी ने सीएम योगी को राजस्थान में कुछ खास सीटों पर टारगेट करने को कहा है। बीजेपी आलाकमान की कोशिश है कि राज्य में सत्ता परिवर्तन का रिवाज एक बार फिर बदला जा सके।
राजस्थान में बीजेपी की रणनीति
राजस्थान में यूपी की सीमा से सटे वाले इलाकों में सीएम योगी आदित्यनाथ की भारी डिमांड है। जिसके चलते बीजेपी ने सीएम योगी को राजस्थान में यूपी की सीमा से सटे वाले जिलों में प्रमुख रूप से टारगेट करने को कहा है। हिंदुत्वादी चेहरे के तौर पर भी रैली में सीएम योगी की डिमांड बढ़ी हुई है। साथ ही, जिन सीटों पर कांग्रेस ने मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया है, वहां भी योगी के जनसभा कराए जाने को लेकर मांग बढ़ी हुई है।
वहीं, सीएम योगी बीजेपी के बड़े नेताओं की सीटों पर भी रैली कर रहे हैं। इसके अलावा योगी आदित्यनाथ उन सीटों पर सभाएं कर रहे हैं, जहां कड़ा मुकाबला है या फिर जहां बागी नेता बीजेपी पर भारी पड़ सकते हैं।
योगी की रैलियों से बीजेपी का बढ़ा स्टाइक रेट
सीएम योगी की रैली से बीजेपी को विधानसभा चुनाव में सीधे तौर पर फायदा हुआ है। जिसकी गवाही आंकड़े भी दे रहे हैं। साल 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में उन्होंने 35 सीटों पर रैलियां की। जिसमें पार्टी को 20 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 57 फीसदी रहा। इसके बाद साल 2018 में उन्होंने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से 9 सीटों पर चुनावी रैली की। जिनमें पार्टी को रिकॉर्ड तोड़ 8 सीटों पर जीत हासिल हुई और स्ट्राइक रेट 89 फीसदी रहा। 2018 के कर्नाटक चुनाव में योगी आदित्यनाथ ने 33 सीटों पर राज्य में चुनावी रैली की और 17 सीटों पर पार्टी के पक्ष में फैसला रहा। साथ ही, इस दौरान योगी का स्ट्राइक रेट 52 फीसदी रहा। 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान योगी ने राज्य के 15 सीटों पर रैली की और 10 सीटों पर जीत हासिल हुई। साथ ही, उनका स्ट्राइक रेट 67 फीसदी रहा।
महाराष्ट्र और बिहार में भी सीएम योगी का दबदबा
साल 2019 में महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम योगी ने 12 सीटों पर रैली की और पार्टी के पक्ष में 7 सीटों पर फैसला रहा। जिनमें सीएम के स्ट्राइक रेट की बात करें तो वह 57 फीसदी रहा। कोरोना काल के दौरान साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव हुए थे। इस दौरान सीएम योगी ने बिहार में एक के बाद एक 19 सीटों पर रैली की। जिसमें पार्टी को 13 पर जीत हासिल हुई। जिन सीटों पर सीएम योगी ने रैली की वहां पर पार्टी की जीत का स्ट्राइक 68% रहा।
साल 2022 में यूपी में विधानसभा चुनाव हुए थे। जिसमें सीएम योगी के लिए उत्तर प्रदेश में अपने कार्यकाल के दौरान किए गए कामों की परीक्षा होने वाली थी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपने राज्य में 181 सीटों पर रैली की और 121 सीटों पर पार्टी को जीत हासिल हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री का स्ट्राइक रेट 67 फीसदी रहा। इसके बाद उन्होंने इसी साल गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव में 22 सीटों पर जनसभाएं की और 15 पर जीत हासिल हुई। इस चुनाव में सीएम का स्ट्राइक रेट 68% रहा। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस बार सीएम योगी का स्ट्राइक रेट मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तसीगढ़ में क्या रहता हैं? साथ ही, वह पार्टी को कितना फायदा पहुंचा सकते हैं।
Created On :   20 Nov 2023 5:50 PM IST