वन नेशन-वन इलेक्शन: नीतीश, नायडू और शिंदे की पार्टियों का होगा बुरा हाल, सांसद पप्पू यादव ने किया बड़ा दावा

नीतीश, नायडू और शिंदे की पार्टियों का होगा बुरा हाल, सांसद पप्पू यादव ने किया बड़ा दावा
  • वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर सियासत गर्म
  • नीतीश, नायडू और शिंदे की पार्टियों का होगा बुरा हाल
  • सांसद पप्पू यादव ने किया बड़ा दावा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि इस बिल से सबसे बुरा हाल एकनाथ शिंदे, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की पार्टियों का होगा। उन्होंने कहा कि NDA सरकार के पास दो ही मुद्दे हैं। पहला बांटों और राज करो। दूसरा सभी जरूरी मुद्दों को दरकिनार करो।

वन नेशन-वन इलेक्शन पर बोले पप्पू यादव

'एक राष्ट्र एक चुनाव' विधेयक पर पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा, " आप किसी भी मुद्दे को उठाकर देख लीजिए, आपको समझ आएगा कि किसी भी परिस्थिति में इनके (NDA सरकार) पास दो ही मुद्दे हैं। पहला बांटों और राज करो। दूसरा सभी जरूरी मुद्दों को दरकिनार करना। कोई मुद्दा ऐसा नहीं है जिस पर वे गंभीर हैं। वे केवल हर मुद्दे से देश के लोगों को भटकाते हैं। अगर पैसों की बचत करनी है तो चुनाव आयोग को चुनाव प्रचार का बजट दे दीजिए। उन्हें जर्मनी, यूरोप से सीखना चाहिए। (इस बिल से) सबसे बुरा हाल एकनाथ शिंदे, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की पार्टियों का होगा।"

जानें पूरा मामला

केंद्र सरकार ने संसद में मंगलवार को 'एक देश, एक चुनाव' को लेकर 'संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024' और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक 2024 लेकर आई। फिर वोटिंग हुई। इस प्रस्ताव के पक्ष में 269 सांसदों ने वोट किया। वहीं, 198 सांसदों ने विधेयक के विरोध में वोट किया। बिल को लेकर लगातार विपक्ष हमलावर दिखाई दे रहा है।

दो-तिहाई वोटिंग की जरुरत

नियमों के मुताबिक, संविधान में ऐसे संशोधनों को लोकसभा से पारित होने के लिए दो-तिहाई सदस्यों के समर्थन की जरुरत होती है। जिसे आज कांग्रेस ने भी मुद्दा बनाया। कांग्रेस ने आज के दिन को उदाहरण के रूप में लेते हुए बताया कि संविधान संशोधन विधेयक को पेश करने के लिए मतदान में 461 सदस्यों ने हिस्सा लिया। अगर यह विधेयक पारित करने के लिए मतदान होता तो उन 461 में से 307 को इसके पक्ष में मतदान करना पड़ता, लेकिन केवल 269 ने ही मतदान किया। इसके बाद कांग्रेस ने कहा, "इस विधेयक को समर्थन नहीं मिला है। कई दलों ने इसके खिलाफ बोला है। साथ ही, दो तिहाई वोटिंग भी नहीं हुई है। फिर बिल कैसे पास होगा?"

दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत जरूरी

लोकसभा में 543 सीटों हैं। जिसमें एनडीए के पास 292 सीटें हैं। वहीं, इंडिया गठबंधन के पास ऐसे में दो तिहाई बहुमत के लिए 362 का आंकड़ा जरूरी है। वहीं, राज्यसभा की 245 सीटों में एनडीए के पास अभी 112 सीटें हैं, वहीं 6 मनोनीत सांसदों का भी उसे समर्थन है। जबकि विपक्ष के पास 85 सीटें हैं। दो तिहाई बहुमत के लिए राज्यसभा में 164 सीटें जरूरी हैं। केंद्र सरकार इस विधेयक को लेकर आम सहमति बनाना चाहती है। सरकार इस पर चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति या जेपीसी के पास भेज सकती है।

Created On :   17 Dec 2024 8:35 PM IST

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