विपक्ष को बीजेपी के पत्ते खुलने का इंतजार या बीजेपी कर रही है किसी बड़े फैसले की तैयारी, बचे हैं सिर्फ पांच दिन फिर भी उपराष्ट्रपति उम्मीदवार क्यों नहीं चुन पा रहे राजनीतिक दल?

Vice President Election: Why Bjp And Opposition Yet Not Declared Vice Presidential Candidates; Know the Reasons
विपक्ष को बीजेपी के पत्ते खुलने का इंतजार या बीजेपी कर रही है किसी बड़े फैसले की तैयारी, बचे हैं सिर्फ पांच दिन फिर भी उपराष्ट्रपति उम्मीदवार क्यों नहीं चुन पा रहे राजनीतिक दल?
'उपराष्ट्रपति' चुनने में देरी क्यों? विपक्ष को बीजेपी के पत्ते खुलने का इंतजार या बीजेपी कर रही है किसी बड़े फैसले की तैयारी, बचे हैं सिर्फ पांच दिन फिर भी उपराष्ट्रपति उम्मीदवार क्यों नहीं चुन पा रहे राजनीतिक दल?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन के लिए केवल 5 दिन ही बाकी हैं। लेकिन अभी तक एनडीए और विपक्ष किसी ने अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है। मान जा रहा है कि उपराष्ट्रपति चुनाव के उम्मीवार के नाम का ऐलान करने में दोनों ही तरफ से देरी की जा रही है इसके पीछे कई सियासी वजह हो सकती हैं?

उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए वोटिंग 6 अगस्त को होनी है। और नामांकन के 5 ही दिन  बाकी हैं। यानी कि 19 जुलाई तक उम्मीदवार का नामांकन करना होगा। ऐसे में एनडीए और विपक्ष दोनों ही तरफ से किसी भी तरह का अनौपचारिक बयान सामने नहीं आया है। 

बीजेपी जल्द कर सकती है फैसला 
राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के बाद अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान करने वाली बीजेपी जल्द ही उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर फैसला ले सकती है। सूत्रों  की मानें तो कभी भी बीजेपी संसदीय बोर्ड की मीटिंग बुला सकती है जिसमें उम्मीदवार के नाम का फैसला होगा उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए दूसरी पार्टियों से भी बीजेपी समर्थन मांगेगी। क्योंकि बीजेपी मान कर चल रही है कि विपक्ष भी अपनी तरफ से किसी को उम्मीदवार बना सकता है। राष्ट्रपति चुनाव हो या फिर उपराष्ट्रपति चुनाव ही क्यों न हो बीजेपी हर बार चौंकाने वाला फैसला करती है इस बार भी वह चाहेगी की ऐसे  चेहरे पर दांव लगाया जिसके नाम के समर्थन में दूसरी पार्टियां भी आसानी से आ जाए। कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी इस चुनाव में किसी मुस्लिम को अपना उम्मीदवार बना सकती है। 

विपक्ष रख रहा है फूंक फूंक कर कदम 
बीजेपी की तरह ही विपक्ष भी अपना गेम प्लान तैयार कर रहा है। विपक्ष चाहता है कि जितनी जल्दबाजी राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार की घोषणा करने में दिखाई गई अब उपराष्ट्र्पति चुनाव में न हो। बता दें विपक्ष की ओर से पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिंन्हा को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया गया है उनके नाम को फाइनल करने में जल्दबाजी दिखाई गई  ताकि आम सहमति बन सके लेकिन उनका यह दांव उल्टा पड़ गया जब बीजेपी ने आदिवासी कार्ड खेलकर द्रोपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया। कई विपक्षी दल भी जो पहले बीजेपी के खिलाफ मुखर रूप से सामने आते रहे हैं वह भी अब चुप्पी साध चुके हैं। शिवसेना ने तो द्रोपदी मुर्मू के नाम पर समर्थन देने का ऐलान कर दिया है।

इसलिए विपक्ष अब चाहेगा कि किसी ऐसे चेहरे को उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाया जाए जिसके नाम पर सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाया जा सके। हालांकि ऐसा करना विपक्ष के लिए आसान नहीं होगा क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव नें जल्दबाजी दिखाने वाली तृणमूल कांग्रेस अब शांत दिखाई दे रही है वही केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी मूकदर्शक बनकर खेल देख रही है। 
सूत्रों की मानें तो 17 जुलाई को शरद पवार दिल्ली आने वाले हैं। राहुल गांधी अभी भी विदेश में हैं जानकारी है कि वह रविवार को लौटने वाले हैं। लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि विपक्ष के नेता कब तक उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार का नाम तय करेंगे। 

Created On :   14 July 2022 3:38 PM IST

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