सोनिया गांधी मना रही हैं अपना 76वां जन्मदिन, कई मुश्किलों के बाद भी अडिग रहने वाली महिला कैसे बनी देश की ताकतवर नेता? जाने उनके जीवन से जुड़ी हर बातें
डिजिटल डेस्क दिल्ली। कांग्रेस की वरिष्ट नेता व पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी आज अपना 76वां जन्मदिन मना रही हैं। इस खास मौके पर अलग-अलग पार्टी के नेताओं उन्हें बधाई दिया हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोनिया गांधी के जन्मदिन पर बधाई दी। पीएम मोदी ने उनके स्वास्थ व लंबे उम्र की कामना की है। वर्तमान में सोनिया गांधी राजस्थान के सवाई माधोपुर के रणथंभौर में मौजूद हैं। जहां पर वो अपने करीबी लोगों व परिवार के साथ 76वां जन्मदिन सेलिब्रेट करने वाली हैं। सोनिया गांधी के जन्मदिन के खास अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है। सोनिया गांधी मौजूदा मोदी सरकार पर बेरोजगारी, महगांई, कानून व्यवस्था को लेकर हमला सवाल उठाती रहती हैं। सोनिया गांधी के राजनीति में आने से पहले उनका जीवन काफी सघर्ष पूर्ण रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के निधन के बाद सोनिया गांधी अपने आप को राजनीति में आने से रोक नहीं पाई और पति के निधन के 6 साल बाद वो देश की राजनीति में सक्रिय हुई बाद में उन्होंने पार्टी की कमान अपने हाथों में लिया।
इटली से भारत तक का सफर
सोनिया गांधी मूल रूप से इटली की रहने वाली हैं। जिनका जन्म 9 दिसंबर 1946 को इटली के लुसियाना में हुआ था। उनके पिता का नाम स्टेफानो और माता का नाम पओला माइनो था। वो कैथोलिक क्रिश्चियन परिवार से आती हैं। मीडिया रिपोर्ट् के मुताबिक, फ्लाइट अटैडेंट बनने के उद्देश्य से वो कैम्ब्रिज में आई। कैम्ब्रिज में सोनिया व राजीव गांधी की पहली बार मुलाकात हुई थी। मुलाकातों के बाद दोनों एक दुसरों को पसंद करने लगे और बाद में दोनों ने भारत में आकर शादी कर ली।
राजीव के निधन के बाद सोनिया का राजनीति में कदम
साल 1984 में मौजूदा प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी की मौत के बाद राजीव गांधी को प्रधानमंत्री बनाया गया था। इंदिरा गांधी की मौत के ठीक सात साल बाद राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद भावनात्मक तौर पर सोनिया गांधी राजनीति से दूर होने लगी थी। लेकिन पति के मौत के 6 साल बाद परिवार और पार्टी को बचाने के लिए राजनीति में अपना कदम रखा और साल 1997 में कांग्रेस में शामिल हुई व पार्टी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाने लगी।
सोनिया गांधी के नेतृत्व में यूपीए गठबंधन की सरकार बनी
सोनिया गांधी साल 1997 से राजनीति में अपना कदम रखा। इसके एक साल के बाद कांग्रेस पार्टी की वो अध्यक्ष चुनी गई। सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस साल 2004 में हुए आम चुनाव में गठबंधन की सहायता से सरकार बनाने में सफल रही। जिसके बाद से यूपीए गठबंधन मजबूती के साथ उभरा और कांग्रेस को नई उंचाई पर ले जाने में सोनिया ने अहम भूमिका निभाई। इसके बाद सोनिया गांधी के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन ने साल 2009 के लोकसभा में बहुमत हासिल किया और सरकार बनाने में सफल रहा।
सोनिया गांधी के विरोध में लगे थे नारे
साल 2004 के आम चुनाव जीतने के बाद सोनिया गांधी का नाम प्रधानमंत्री के पद के लिए आगे भी आया था। मीडिया रिपोट्स के अनुसार, सोनिया ने पीएम पद के ऑफर को ठुकरा दिया था। सोनिया गांधी को भारतीय मूल की न होने की वजह से उन्हें पीएम बनने का प्रस्ताव दिए जाने पर विरोध का सामना करना पड़ा था। हालांकि, इतने बड़े पद को ठुकराने के बाद वो नेशनल एडवाइजरी काउंसिल की प्रमुख के साथ गठबंधन की नेता बनी रहीं। अपने राजनीति करियर में सोनिया गांधी कई महत्वपूर्ण राजनीतिक पदों पर रहकर अपनी सेवा दे चुकी हैं। जिनमें फूड सिक्यूरिट बिल, सूचना का अधिकार जैसे संस्थाओं की जिम्मेदारी संभाल चुकी है।
सालों किया है कांग्रेस का नेतृत्व
2014 के आम चुनाव में केन्द्र से सत्ता जाने के बाद सोनिया गांधी को राजनीति में सक्रियता कम हो गई। पार्टी की ओर से कहा जाने लगा की उनकी तबीयत ठीक नहीं रहती, सेहत को ध्यान में रखकर वो राजनीति में कम सक्रिय दिखाई दे रही हैं। स्वास्थ का ध्यान रखते हुए साल 2017 में सोनिया गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद राहुल गांधी को कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया गया। हालांकि, साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की बूरी तरह हार के बाद राहुल ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद फिर से सोनिया गांधी ने अंतिरिम अध्यक्ष के रूप से इस पद को संभाला। हाल ही में कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ जिसमे गैर गांधी परिवार के नेता को पार्टी का नया अध्यक्ष बनाया गया है।
ताकतवर महिला मे शुमार हैं सोनिया गांधी
जीवन में कई मुश्किलों के बाद भी सोनिया गांधी कभी नहीं घबराई। राजनीति से पर्सनल लाइफ तक तमाम मोर्चो पर वो डट कर परेशानियों का सामना करती रही हैं। आरोप लगता रहा है कि पार्टी अध्यक्ष न होने के बाद भी सभी काम उन्हीं के इशारों पर होता है। इन आरोपों की वजह से कई बार उन्हें आलोचना का शिकार होना पड़ता है। गांधी परिवार पर आरोप लगते रहते है कि एक परिवार ही पार्टी को चलाता है। सोनिया गांधी के नाम कांग्रेस की सबसे ज्यादा समय तक अध्यक्ष बने रहने का रिकॉर्ड है। 1998 से लेकर साल 2017 तक वो कांग्रेस की अध्यक्ष रही हैं। सोनिया गांधी को दुनिया की सबसे शाक्तिशाली व प्रभावशाली महिलाओं में गिना जाता है।
Created On :   9 Dec 2022 4:06 PM GMT