शिवसेना (यूबीटी) नेताओं के रत्नागिरी रिफाइनरी साइट पर जाने पर रोक

Shiv Sena (UBT) leaders barred from visiting Ratnagiri refinery site
शिवसेना (यूबीटी) नेताओं के रत्नागिरी रिफाइनरी साइट पर जाने पर रोक
रत्नागिरी शिवसेना (यूबीटी) नेताओं के रत्नागिरी रिफाइनरी साइट पर जाने पर रोक

डिजिटल डेस्क, रत्नागिरी। लगतार तीसरे दिन सैकड़ों ग्रामीणों के विरोध-प्रदर्शन के बीच महाराष्ट्र पुलिस ने अरब की मदद से प्रस्तावित रत्नागिरी रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड स्थल पर शिवसेना (यूबीटी) के कई नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह जानकारी बारसू ने अधिकारियों ने बुधवार को दी।

एमपी विनायक राउत और पार्टी के जिला प्रमुख विलास आर. चालके और अन्य सहित शिवसेना (यूबीटी) के अन्य नेताओं को नोटिस जारी किए गए हैं। उन्हें कानून और व्यवस्था की संभावित स्थिति के कारण बारसू की ओर नहीं बढ़ने के लिए कहा गया है।

सरकार की दलीलों को नजरअंदाज करते हुए राउत और अन्य ने आज बारसू की यात्रा करने और आंदोलनकारी ग्रामीणों से मिलने का फैसला किया है। रत्नागिरी पुलिस ने कड़ा रुख अपनाते हुए आरआरपीएल साइट के आसपास 31 मई तक निषेधाज्ञा बढ़ा दी है।

पुलिस निरीक्षक विनीत चौधरी ने कहा कि बारसू, पन्हाले, धोपेश्वर, गोवल, वरचीवाड़ी-गोवल, खालचीवाड़ी-गोवल के एक किमी के भीतर निषेधाज्ञा लागू है और इसका उल्लंघन करने वालों को दंडित किया जाएगा।

विपक्षी महा विकास आघाड़ी के नेताओं ने सत्तारूढ़ शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी सरकार से संयम बरतने, मिट्टी के सर्वेक्षण और परीक्षण को बंद करने और हरे-भरे तटीय क्षेत्र में ग्रामीणों को परियोजना के खिलाफ विरोध करने का अधिकार देने का आग्रह किया है।

कांग्रेस के नाना पटोले, बालासाहेब थोराट, अतुल लोंधे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विपक्ष के नेता (विधानसभा) अजीत पवार, जयंत पाटिल, सेना (यूबीटी) के विपक्ष के नेता (परिषद) अंबादास दानवे, आदित्य ठाकरे, संजय राउत, विनायक राउत, अनिल परब, माकपा और अन्य दलों के नेताओं ने ग्रामीणों के विरोध को कुचलने की कोशिश के लिए सरकार की कड़ी निंदा की है। हालांकि, बीजेपी के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विरोध के बावजूद, कोई पीछे नहीं हटेगा और आरआरपीएल परियोजना प्रस्तावित स्थान पर राज्य में आएगी।

शिवसेना के उद्योग मंत्री ने कहा है कि यह पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार थी, जिसने बारसू स्थान का सुझाव दिया था और विपक्ष पर राजनीतिक खेल खेलने का आरोप लगाया था। आरआरपीएल परियोजना रत्नागिरी में प्रस्तावित दुनिया के सबसे बड़े जैतापुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र (जेएनपीपी) से बमुश्किल किलोमीटर की दूरी पर होगी, जो एक दशक से अधिक समय से स्थानीय लोगों द्वारा विवादों, कड़े विरोध और विरोध में फंसी हुई है।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   26 April 2023 2:00 PM IST

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