पलामू में तीन दिनों तक कैंप करेंगे राजद सुप्रीमो लालू, पार्टी की खोई जमीन हासिल करने की कोशिश

RJD supremo Lalu will camp in Palamu for three days, trying to regain the partys lost ground
पलामू में तीन दिनों तक कैंप करेंगे राजद सुप्रीमो लालू, पार्टी की खोई जमीन हासिल करने की कोशिश
झारखंड पलामू में तीन दिनों तक कैंप करेंगे राजद सुप्रीमो लालू, पार्टी की खोई जमीन हासिल करने की कोशिश

डिजिटल डेस्क, रांची। राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सोमवार से बुधवार तक झारखंड के पलामू में कैंप करेंगे। इस दौरान वह पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं में नई जोश भरने की कोशिश करेंगे। लालू प्रसाद को आगामी 8 जून को आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के एक केस में पलामू स्थित विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में भी पेश होना है।

वह सोमवार को अपराह्न् तीन बजे हेलीकॉप्टर से पलामू जिला मुख्यालय (मेदिनीनगर) के चियांकी हवाई अड्डे पर पहुंचे तो उनके स्वागत में राजद के नेताओं-कार्यकर्ताओं और लालू प्रसाद यादव के समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी। वह अगले बुधवार तक यहां कैंप करेंगे।

पलामू प्रमंडल झारखंड में राजद का सबसे बड़ा गढ़ रहा है। वर्ष 2004 और 2007 में पलामू लोकसभा सीट पर हुए चुनावों में राजद के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। पहले मनोज कुमार और उसके बाद घूरन राम ने इस क्षेत्र का लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया था। बाद के चुनावों में राजद इस सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाया, लेकिन उसके प्रत्याशी हमेशा मुख्य मुकाबले में रहे। पलामू प्रमंडल के तीन जिलों पलामू, गढ़वा और लातेहार में विधानसभा की कुल नौ सीटें हैं।

इनमें से सात सीटों पर राजद के प्रत्याशियों ने कई बार जीत हासिल की है। वर्ष 2005 के विधानसभा चुनाव में राजद ने पूरे झारखंड में सात सीटों पर कब्जा किया था, जिनमें से पांच सीटें पलामू प्रमंडल की ही थीं। तब राजद के जिन उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी, उनमें मनिका से रामचंद्र सिंह, लातेहार से प्रकाश राम, पलामू के पांकी से विदेश सिंह, विश्रामपुर से रामचंद्र चंद्रवंशी और गढ़वा से गिरिनाथ सिंह शामिल थे। गढ़वा सीट पर गिरिनाथ सिंह तो लगातार चार बार विधायक रहे हैं। इसके बाद 2009 के चुनाव में राजद ने पूरे झारखंड में पांच सीटें हासिल की थी, लेकिन 2014 के चुनाव में राजद का सफाया हो गया। 2019 में मात्र एक चतरा सीट पर राजद ने जीत दर्ज की। जाहिर है, राजद का चुनावी जनाधार पलामू में लगातार सिमटता गया और आज की तारीख में खोई जमीन हासिल करना पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती है।

पलामू की राजनीति पर पिछले तीन दशकों से गहरी निगाह रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार संजय सिंह कहते हैं कि राजद ने बीते वर्षों में पलामू में चुनावी जनाधार भले गंवाया है, लेकिन पूरे प्रमंडल में लालू प्रसाद यादव की निजी लोकप्रियता का जादू कभी कम नहीं हुआ। आज भी पलामू प्रमंडल के किसी सुदूर गांव में जाकर राजनीतिक चर्चा कीजिए तो लोग लालू प्रसाद यादव का नाम प्रमुखता से लेते हैं।

पलामू प्रमंडल भौगोलिक और भाषाई तौर पर झारखंड से ज्यादा बिहार के ज्यादा करीब है। इस प्रमंडल में सबसे ज्यादा लोग भोजपुरी भाषा बोलते हैं। लालू प्रसाद यादव की भी यही भाषा है। वह जब भोजपुरी में संवाद करते हैं तो लोग उनसे सहज जुड़ाव महसूस करते हैं। बीते फरवरी में लालू प्रसाद यादव के निर्देश पर संजय सिंह यादव को झारखंड में राजद का अध्यक्ष बनाया गया है। वह पलामू प्रमंडल के हुसैनाबाद क्षेत्र से राजद के विधायक रहे हैं। साफ है कि एक बार फिर पलामू पर राजद की निगाह है और ऐसे में यहां तीन दिनों तक लालू प्रसाद के कैंप करने की सियासी वजह समझना मुश्किल नहीं है। यह देखना जरूर दिलचस्प होगा कि लालू इस बार पलामू में अपना जादू किस हद तक छोड़ पाते हैं।

 

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   6 Jun 2022 8:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story