राज्यसभा चुनाव 2022 : पार्टी और पत्नी को छोड़कर सपा दे रही है दो अन्य नेताओं को समर्थन, समझिए इसके पीछे क्या है अखिलेश यादव की चाल!
- आजमगढ़ से अखिलेश तो रामपुर से आजम पत्नी की चर्चा तेज
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। दूध का जला छाछ को भी फूंक फूंक कर पीता है ,आज ये बात उत्तरप्रदेश की राजनीति में सही बैठती नजर आ रही है। क्योंकि सियासत में जातीय समीकरणों को साधना आज के अहम मुद्दों में शामिल है।
विधानसभा चुनाव से पहले सपा और राष्ट्रीय लोक दल के बीच बने गठबंधन की नींव को आगे इमारत में तब्दील करने के लिए सपा ने आरलडी चीफ जयंत चौधरी को उच्च सदन में भेजने का समर्थन दे दिया है। इसके लिए सपा चीफ ने अपनी पत्नी डिंपल यादव को भी मौका नहीं दिया है, जबकि इससे पहले सपा ने डिंपल यादव को राज्यसभा भेजने का पूरा प्लान बना लिया था, लेकिन अब अपने सियासी लाभ के लिए सपा अपने पुराने साथी को मौका देने जा रही है। अब तक डिंपल यादव को ही तीसरी सीट पर उम्मीदवार माना जा रहा था लेकिन अब सपा की ओर से चौधरी को उम्मीदवार बनाया गया है।
बुधवार को कपिल सिब्बल और जावेद अली खान ने राज्यसभा का नामांकन कर दिया। इसके बाद से डिंपल यादव के नाम की चर्चा जोरों पर थी। लेकिन इसी समय जयंत चौधरी की नाराजगी सामने आ रही थी, 2024 को ध्यान में रखते हुए सपा को उनके छिटकने के डर से डिंपल यादव को किनारे करते हुए जयंत चौधरी को राज्यसभा भेजने का समर्थन दे दिया। इससे पहले चौधरी 2009 से 2014 के बीच मथुरा लोकसभा सीट से सांसद रहे चुके हैं।
राज्यसभा चुनावों में सपा उम्मीदवारों पर गौर किया जाए तो अबकी बार समाजवादी पार्टी का एक नेता ही उच्च सदन में जा रहा है जबकि अन्य दो कैंडिडेट जिन्हें सपा समर्थन दे रही है, उनमें अभी हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी शामिल है।
उत्तर प्रदेश के कोटे की खाली हो रही 11 राज्यसभा सीटों में विधानसभा में पार्टी के विधायकों की संख्या के आधार पर तीन सीट बनती है। तीनों पर अब पार्टी की ओर से उम्मीदवार तय कर दिए गए हैं। एसपी विधायकों की संख्या के आधार पर सपा को तीन नेताओं को राज्यसभा में भेजने का मौका था, लेकिन राज्यसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी का केवल एक ही नेता राज्यसभा भेजा रहा है। दो सीटों पर पार्टी ने अलग-अलग उम्मीदवारों को समर्थन देकर राज्यसभा का रास्ता उनके लिए खोला है।
आजमगढ़ से अखिलेश तो रामपुर से आजम पत्नी की चर्चा तेज
हालांकि ये कयास लगना भी शुरू हो चुके है कि डिंपल यादव राज्यसभा न जाकर अखिलेश यादव के इस्तीफे से खाली हुई आजमगढ़ लोकसभा सीट से लोकसभा का उपचुनाव में अपनी उम्मीदवारी पेश कर सकती है। वहीं आजम खान के इस्तीफे के बाद खाली हुई रामपुर लोकसभा सीट से उनकी पत्नी तंजीन फात्मा चुनावी मैदान में उतार सकती है। ऐसे में यूपी के राजनीतिक मैदान में समीकरणों का बनना और बिगड़ना जारी है।
Created On :   26 May 2022 12:55 PM IST