जामिया हिंसा को लेकर विपक्ष एकजुट- सरकार से पूछा, बिना अनुमति जामिया परिसर में पुलिस कैसे घुसी?
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो रही हिंसा ने विपक्ष को मोदी सरकार के खिलाफ जैसे गोलबंद कर दिया है। जामिया यूनिवर्सिटी व अन्य जगहों पर छात्रों के विरोध और पुलिस के साथ उनकी झड़प को लेकर साेमवार को कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस करके पुलिस कार्रवाई की निंदा की है और मामले की न्यायिक जांच की मांग की है।
हालांकि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की तिथि को लेकर विपक्षी दलों में एका नहीं दिखी। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने जामिया के छात्रों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की बर्बरता की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस ने यूनिवर्सिटी प्रशासन की इजाजत के बिना जामिया परिसर में घुसी और पुस्तकालय में मौजूद छात्रों की जमकर पिटाई की।
प्रेस कांफ्रेंस में आजाद के अलावा कांग्रेस नेता कपिल सिब्ब्ल, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के सांसद डी राजा, राजद के सांसद मनोज झा और सपा के सांसद जावेद अली मौजूद थे। आजाद ने पूछा कि पुलिस किसके इशारे पर काम कर रही है। उन्होने कहा कि दिल्ली पुलिस सीधे गृह मंत्री अमित शाह के अधीन है। ऐसे में इजाजत के बिना यूनिवर्सिटी केंपस में घुसकर छात्रों की पिटाई करने के मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए।
19 दिसंबर को होगा देशव्यापी प्रदर्शन: डी राजा
इस मौके पर भाकपा सांसद डी राजा ने कहा कि हमने इस मुद्दे पर 19 दिसंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। उन्होने सभी धर्मनिरपेक्ष दलों को इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का न्यौता दिया है। मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन की तैयारी को तब झटका लगा जब वहीं मौजूद राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि जामिया हमले के विरोध में उनकी पार्टी ने 21 दिसंबर को बिहार बंद का आह्वान किया है, लेकिन मनोज झा की बात को प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद लोजद के शरद यादव ने तुरंत काटा और कहा कि मनोज को मालूम नहीं है, अभी विरोध प्रदर्शन की तारीख तय नहीं है। कांग्रेस के नेताओं ने तो राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन की बात ही नहीं की। शरद यादव ने यह भी कहा कि अब या तो मोदी सरकार जाएगी या फिर नागरिकता कानून जाएगा।
Created On :   17 Dec 2019 3:05 AM IST