उमर अब्दुल्ला की आत्मीयता को नेकां और भाजपा के बीच गर्मजोशी माना जाए?

Omar Abdullahs intimacy to be considered a heated exchange between NC and BJP?
उमर अब्दुल्ला की आत्मीयता को नेकां और भाजपा के बीच गर्मजोशी माना जाए?
श्रीनगर उमर अब्दुल्ला की आत्मीयता को नेकां और भाजपा के बीच गर्मजोशी माना जाए?

डिजिटल डेस्क,  श्रीनगर। सोशल नेटवर्किं ग साइट ट्विटर पर नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना के बीच सौहार्दपूर्ण बातचीत को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव से पहले नेकां और भाजपा के बीच गर्मजोशी का संकेत माना जाने लगा है। नेकां के वरिष्ठ नेताओं ने इस विचार पर निराशा व्यक्त की है कि शब्दों के सौहार्दपूर्ण आदान-प्रदान की व्याख्या किसी प्रकार की राजनीतिक गर्मजोशी के रूप में की जानी चाहिए।

नेकां के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है और साथ ही, क्षुद्र सोच है कि उमर साहिब ने रविंदर रैना और इसके विपरीत के प्रति सौहार्द व्यक्त किया है, इसे नेकां और भाजपा के बीच कुछ पिछले दरवाजे के समझौते के परिणाम के रूप में देखा जाना चाहिए। मीडिया की अटकलें तब शुरू हुईं, जब उमर अब्दुल्ला ने रविंदर रैना की ट्विटर टिप्पणियों का गर्मजोशी से जवाब दिया कि जम्मू-कश्मीर के राजनेताओं में उमर ताज का गहना है। रैना ने यह भी कहा कि जब वह कोविड संक्रमण से पीड़ित थे, तो उमर ने सबसे पहले उनका हालचाल पूछा था।

उमर ने यह कहते हुए जवाब दिया कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी होने का मतलब यह नहीं है कि राजनेता व्यक्तिगत दुश्मन बन जाएं। नेकां नेता कह रहे हैं कि उमर अब्दुल्ला एक सज्जन व्यक्ति हैं जो राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के बीच व्यक्तिगत दुश्मनी में विश्वास नहीं करते हैं।

नेकां के एक अन्य नेता ने कहा, भाजपा के साथ हमारी लड़ाई सिद्धांतों और विचारधारा पर है, हमारा उनसे कोई निजी संपत्ति विवाद नहीं है। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी एक ही टेबल साझा क्यों नहीं कर सकते और अभिवादन का आदान-प्रदान क्यों नहीं कर सकते। यहां एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, भाजपा और नेकां का राजनीतिक एजेंडा एक-दूसरे का इतना उलट है कि दोनों के बीच भविष्य में कोई गठबंधन होना असंभव लगता है, भले ही हम जानते हों कि राजनीति में कुछ भी संभव है। अगर नेकां भाजपा के साथ गठबंधन करती है तो आम आदमी को भी हैरानी होगी।

नेकां अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में बने समूह पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन के एक घटक के राजनेता ने कहा, भले ही उमर अब्दुल्ला वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में मंत्री थे, लेकिन अनुच्छेद 370, 35ए को निरस्त करने और राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के बाद नेकां और भाजपा के बीच रैंकों को बंद करना व्यावहारिक रूप से असंभव है। इस घटनाक्रम में एक महत्वपूर्ण आयाम जो जुड़ा है, वह है केंद्र शासित प्रदेश में भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं की राय।

एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, हमारा राजनीतिक बयान और कार्यक्रम देश के बाकी हिस्सों के साथ जम्मू-कश्मीर का पूर्ण एकीकरण है, हमारे और नेकां के बीच कोई राजनीतिक समझ कैसे हो सकती है? यह नेकां के साथ राजनीतिक रूप से संरेखित करने के हमारे जनादेश के साथ विश्वासघात होगा। हां, हमारे मन में डॉ. फारूक और उमर साहिब के लिए सम्मान भाव है। वे व्यक्तिगत रूप से हम सभी के लिए गर्मजोशी से भरे हैं और हम भी।

गौरतलब है कि इसी तरह की अटकलें पिछली बार भी मीडिया में आई थीं, जब डॉ. फारूक अब्दुल्ला को डॉ. जितेंद्र सिंह के बेटे की शादी में आमंत्रित किया गया था। डॉ. अब्दुल्ला न केवल उस विवाह समारोह में शामिल हुए थे, बल्कि भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. जितेंद्र सिंह ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया था।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   17 Sept 2022 6:00 PM IST

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