उत्तर प्रदेश विधानसभा में बढ़ी मुसलमान उम्मीदवारों की संख्या, जानते है किस ने मारी बाजी
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी ने पूर्ण बहुमत हासिल कर इतिहास रच दिया। हालांकि, 2017 के मुकाबले में इस बार सीटें कुछ घटी है, लेकिन फिर भी भाजपा के पास प्रचंड बहुमत है। बीजेपी गठबंधन ने कुल 273 सीटों पर कब्जा जमाया है। इस बार के विधानसभा चुनावों में कई ऐसी चीजें भी देखने को मिली जो अपेक्षा से पारी थी, जैसे उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या का चुनाव हारना। उन्हें सिराथू सीट से पल्लवी पटेल के सामने हार का मुंह देखना पड़ा।
इस बार मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या भी पिछली बार के मुकाबले ज्यादा रही। पिछले चुनाव की तुलना में इस बार 10 मुस्लिम प्रत्याशी ज्यादा जीते। कुल मिलकर 34 मुस्लिम प्रत्याशियों ने अपनी-अपनी सीटों पर कब्जा जमाया। पिछली बार यह आकड़ा 24 था। आपको बता दे सभी विधायक समाजवादी पार्टी गठबंधन से हैं।
इन्होंने मारी बाजी
- महबूब अली - अमरोहा
- अता उर रहमान - बहेड़ी
- अली खान - बेहट
- जाहिद - भदोही
- शहजिल इस्लाम - भोजीपुरा
- मो. फहीम - बिलारी
- नसीर अहमद - चमरौआ
- नफीस अहमद - गोपालपुर
- मो. ताहिर खान - इसौली
- नाहिद हसन - कैराना
- मो. हसन - कानपुर कैंट
- कमाल अख्तर - कांठ
- शाहिद मंजूर - किठौर
- जिया उर रहमान - कुंदरकी
- अरमान खान - लखनऊ पश्चिम
- मारिया - मटेरा
- रफीक अंसारी - मेरठ
- सुहेब उर्फ मन्नू अंसारी - मोहमदाबाद
- मो. नासिर - मुरादाबाद ग्रामीण
- तस्लीम अहमद - नजीबाबाद
- आलम बदी - निजामाबाद
- नादिरा सुल्तान - पटियाली
- फरीद महफूज किदवई - राम नगर
- मो. आजम खान - रामपुर
- इकबाल महमूद - संभल
- जिया उद्दीन रिजवी - सिंकदरपुर
- हाजी इरफान सोलंकी - सीसामऊ
- मो. अब्दुल्ला आजम - स्वार
- नवाब जान - ठाकुरद्वारा
- सैय्यदा खातून - डुमरियागंज
- आशु मलिक - सहारनपुर
आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम ने भी दर्ज की जीत
सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम ने करीब 61 हजार मतों से जीत दर्ज की। उधर, मऊ सीट से पर माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने कब्जा जमाया। इसके अलावा राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के टिकट पर सिवालखास से गुलाम मोहम्मद और थानाभवन सीट से अशरफ अली चुनाव जीत कर विधायक बने हैं।
जमानत भी नहीं बचा पाए AIMIM के उम्मीदवार
बहुजन समाज पार्टी (बसपा), कांग्रेस और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने भी काफी संख्या में मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन एक भी उम्मीदवार जीतने में कामयाब नहीं रहा।
AIMIM ने यूपी चुनाव में 100 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे थे, जिनमें से 99 अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। आलम ये रहा कि पार्टी को आधा फीसदी से भी कम वोट मिले है।
Created On :   11 March 2022 11:50 PM IST