केजरीवाल बिगाड़ सकते हैं नीतीश का खेल, बिहार से दिल्ली कूच करेंगे सुशासन बाबू? सियासी अटकलें तेज
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार की राजनीति में उलट-फेर के बाद भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़ चुके नीतीश कुमार लगातार बीजेपी पर हमलावर नजर आ रहे हैं। सुशासन बाबू के नाम से मशहूर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों काफी अलग रंग में नजर आ रहे हैं। नीतीश कुमार के पिछले कुछ दिनों में दिए गए बयान को सियासी तौर पर काफी अहम माना जा रहा है।
नीतीश के बयान से ऐसा लग रहा है कि वो अब देश की राजधानी में अपना पैठ बनाना चाहते हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान इशारों-इशारों में कई बार जाहिर कर चुके कि वो देश के राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं। हालांकि, जेडीयू के नेता नीतीश कुमार को पीएम के रूप में देखते रहते हैं। नीतीश कुमार के बयान ने राजनीति पंडितों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है।
2024 में होने वाले आम चुनाव में संभव हैं कि वो विपक्ष की ओर से पीएम पद के उम्मीदवार बने, लेकिन नीतीश की राहे आसान नहीं होगी। विश्लेषकों का मानना है कि हाल ही में गुजरात व एमसीडी के चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी देश की राष्ट्रीय पार्टी बनकर उभरी है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल को पीएम मैटीरियल के रूप में विपक्ष देख सकता है, लेकिन ये कहना जल्दी होगा की कौन पीएम मोदी के सामने खड़ा होगा। फिलहाल नीतीश कुमार के बयान चर्चा का विषय बना हुआ हैं।
लक्ष्य है बीजेपी को हाराना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बीते रविवार को जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई थी। जिसके बाद कुमार ने कहा कि 2024 में थर्ड फ्रंट नहीं बल्कि बीजेपी के खिलाफ सभी पार्टियां एक प्लेटफार्म पर आएं और एक मेन फ्रंट बने। नीतीश ने बिहार की तर्ज पर विपक्षी एकता बनाकर बीजेपी को मात देने का फॉर्मूला रखते हुए अपनी बात कही। ठीक अगले दिन नालांदा में नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव का नाम लेते हुए कहा कि अब वो विकास की गंगा बिहार में लाएंगे, क्योंकि विकास की चिंता न करें आगें इसको डिप्टी सीएम बढ़ाएगे।
मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने मंगलवार को महागठबंधन की बैठक की। बैठक के बाद नीतीश ने कहा कि साल 2025 में प्रदेश के विधानसभा चुनाव है। जिसका नेतृत्व तेजस्वी के हाथों में सौपी जाएंगी। नीतीश ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि, न तो मैं प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार हूं और न मुख्यमंत्री का चेहरा, मेरा एक ही लक्ष्य बीजेपी को हराना हैं। नीतीश के ये बयान चर्चा का विषय बना हुआ है। नीतीश कुमार बिहार की राजनीति से हट कर अब दिल्ली का रूख करना चाहते है।
केजरीवाल बन सकते हैं नीतीश की राह में रोड़ा
देश में अरविंद केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता के कारण नीतीश कुमार को तगड़ा झटका लग सकता है। गुजरात विधानसभा चुनाव में पांच सीटें जीतने के बाद जहां केजरीवाल गदगद हैं तो वहीं दस साल की पार्टी अब राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी हासिल करने जा रही है ऐसा माना जा रहा है कि भले ही नीतीश कुमार अपनी दिल की बात न बताए लेकिन उनकी हमेशा से दिली ख्वाईश पीएम पद की रही हैं। जिसका ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में दिलचस्पी कम दिखा रहे हैं और राष्ट्रीय राजनीति में अपनी सक्रियता को बढ़ाना चाहते हैं। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि वो बिहार की राजनीति का पूरा कार्यभार तेजस्वी यादव को देकर दिल्ली में जाना चाहते हैं। नीतीश पहले भी तेजस्वी को आगे बढ़ाने की बात कह चुके हैं।
Created On :   14 Dec 2022 8:10 PM IST