क्या बजरंगबली और बजरंग दल में कोई समानता है- कमलनाथ के सवाल पर दिग्विजय सिंह ने किया ट्वीट, नरोत्तम मिश्रा ने भी संभाला मैदान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की ओर से जारी किए गए मेनिफैस्टो में बजरंग दल पर बैन को लेकर मध्यप्रदेश में भी सियासत तेज हो गई है। राज्य में इसी साल नवंबर माह में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सूबे में बजरंग दल को बैन करने का मुद्दा विपक्षी पार्टी कांग्रेस की तरफ से जोरों-शोरों से उठाया जा रहा है। बुधवार को राज्य में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि जो संगठन नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं, उसे बैन कर देना चाहिए। कमलनाथ के इस बयान के बाद राज्य की सियासत गर्म हो गई है।
मंदिर और मूर्ति बनवाने पर कमलनाथ का बयान
बजरंग दल को बैन करने को लेकर कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि राज्य में चुनाव के संदर्भ को लेकर हमारे मेनिफैस्टो की मीटिंग हो रही है। हम तो कहते हैं कि जब सुप्रीम कोर्ट और पूरा प्रदेश कह रहा है कि जो नफरत फैलाए, विवाद करवाए उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। कमलनाथ ने आगे कहा कि इससे हमारी समाजिक एकता भी धूमिल होती है। इसके अलावा कमलानाथ ने हनुमान मंदिर और मूर्ति बनवाने के संबंध में कहा कि हां मैंने मंदिर और मूर्ति बनाई है। लेकिन जरा आप सोचिए कि बजरंग दल और हनुमान जी के बीच क्या संबंध है।
दिग्विजय सिंह का ट्वीट
इधर, राज्य में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की ट्वीट पर सियासत तेज हो गई है। अपने ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने कहा,'मैंने तो सन् 2000 में स्टुडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया (SIMI) और बजरंग दल दोनों को बैन करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था। लेकिन मेरे प्रस्ताव को तत्कालीन केंद्र मे भाजपा सरकार ने स्वीकार नहीं किया। मेरा दुर्भाग्य है कि मेरी बात को समझने और स्वीकार करने में लोगों को समय लगता है। प्रभु की कृपा से अभी तक तो मेरी कही बात सच निकलती रही है। प्रभु से यही प्रार्थना है, ऐसी ही कृपा मुझ पर सदैव बनी रहे।'
— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 2, 2023
— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 2, 2023
नरोत्तम मिश्रा ने किया पलटवार
इसके बाद बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश के गृहमंत्री मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसे तुष्टीकरण की राजनीति करार देते हुए कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी का घोषणा पत्र में बजरंग दल की तुलना पीएफआई से की गई है। बजरंग दल को बैन करने की बात कर कांग्रेस पार्टी ने करोड़ों हिंदुओं और राम भक्तों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का काम किया है। मुझे पता चला है कि कमलनाथ जी ने खुद को राम भक्त बताया है तो वह क्यों नहीं बताते कि वह पार्टी ने के इस निर्णय के पक्ष में है या विपक्ष में। इसके बाद बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ से यह भी सवाल किया कि क्या वह दिग्विजय सिंह जी के बजरंग दल वाले ट्वीट से सहमत है या नहीं।
Created On :   3 May 2023 4:01 PM IST