बिहार में जाति आधारित गणना पूर्ण होने की समय सीमा बढाई गई, मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में जातीय गणना को लेकर खूब राजनीति होती रही है। इस बीच, सरकार ने जातीय गणना कराने की समय सीमा को बढ़ा दिया। बिहार मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में सामान्य प्रशासन विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। पहले जाति आधारित जनगणना को पूरा करने की समय सीमा फरवरी 2023 तय की गई थी, जिसे अब विस्तारित कर मई 2023 कर दिया गया।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की हुई बैठक में कुल 13 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद जारी एक अधिकारिक बयान में कहा गया है कि बैठक में बिहार जाति आधारित गणना के लिए एप और पोर्टल निर्माण पर खर्च होने वाली राशि को मंजूरी दी है। इसके लिए बेल्ट्रॉन, पटना को सरकार दो करोड़ 44 लाख से ज्यादा की राशि देगी। इसकी प्रशासनिक स्वीकृति बैठक में दे दी गई।
बिहार में जाति आधारित गणना को लेकर खूब राजनीति हुई है। मंत्रिमंडल की बैठक में इसके अलावे पटना, भोजपुर, सारण और अन्य जिलों की नदियों से हो रहे अवैध बालू खनन पर अंकुश लगाने के लिए स्पीड बोट और अन्य तरह की खरीद के लिए 5 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।
मंत्रिमंडल की बैठक में पंचम केंद्रीय वेतनमान में वेतन या पेंशन पा रहे सरकारी सेवकों को पहली जुलाई 2022 से 381 के स्थान पर 396 प्रतिशत महंगाई भत्ता के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई, जबकि षष्टम वेतन प्राप्त करने वाले सरकारी सेवकों और पेंशनधारियों को 203 प्रतिशत के स्थान पर 212 प्रतिशत भत्ता की स्वीकृति दे दी गई। बिहार में मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान मद्य निषेध उत्पाद और निबंधन विभाग के लिए आकस्मिकता निधि से 25 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं।
(आईएएनएस)
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Created On :   15 Nov 2022 10:31 AM GMT