राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे गुलाम नबी आजाद! घर वापसी की हो रही तैयारी? दिल्ली से एक फोन पर बात अटकी

राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे गुलाम नबी आजाद! घर वापसी की हो रही तैयारी? दिल्ली से एक फोन पर बात अटकी
कांग्रेस में फिर होगी आजाद की एंट्री! राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे गुलाम नबी आजाद! घर वापसी की हो रही तैयारी? दिल्ली से एक फोन पर बात अटकी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद की घर वापसी को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। कुछ दिन पहले ही आजाद ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया था और खुद की आजाद डेमोक्रेटिक पार्टी नाम से एक पार्टी बना ली थी। पार्टी छोड़ने के बाद आजाद ने राहुल गांधी पर जमकर वार किया था और कई गंभीर आरोप भी लगाए थे। इन सभी के बीच आजाद को फिर से पार्टी में शामिल कराने की कोशिशें तेज हो गई हैं। बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी की करीबी अंबिका सोनी लगातार आजाद के संपर्क में हैं। खबर ये आ रही है कि गुलाम नबी आजाद को पहले भारत जोड़ो यात्रा में शामिल करवाने की रणनीति है फिर कांग्रेस पार्टी में वापसी होगी। 

अगस्त महीने में पार्टी से छुड़ाया था दामन 

गुलाम नबी आजाद का कांग्रेस के जी-23 नेताओं में नाम था। पार्टी के बिगड़ते हालात को लेकर वह बदलाव की बात कर रहे थे। हालांकि, इसी साल अगस्त महीने में उन्होंने कांग्रेस के साथ अपने 50 साल की यात्रा पर विराम लगा दिया था। आजाद ने राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर भी सवाल उठाया था और चाटुकारों से घिरा होने का आरोप लगाया था। उसके बाद उन्होंने जम्मू कश्मीर की सियासत में पारी शुरू करने का फैसला लिया था और आजाद डेमोक्रेटिक पार्टी बनाई थी। आजाद के इस फैसले के बाद जम्मू में कांग्रेस के नेता टूटने लगे और कई वरिष्ठ नेता कांग्रेस का दामन छोड़कर आजाद के साथ आ गए। हालांकि 4 महीने बीतने के बाद ही आजादी की पार्टी में दरार आ गई है और कई नेता टूटने लगे हैं। साथ ही कांग्रेस में दोबारा वापसी कर रहे हैं। 

कमजोर पड़े गुलाम नबी आजाद?

गुलाम नबी आजाद ने जिस उद्देश्य से नई पार्टी का गठन किया था। उस पर पानी फिरता नजर आ रहा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, गुलाम नबी आजाद पूरी तरह से कमजोर पड़ रहे हैं। अब वह कांग्रेस में अपनी वापसी को लेकर सकारात्मक दिख रहे हैं। उधर, कांग्रेस की ओर से भी बिना शर्त आजाद की वापसी की बात की जा रही है। बताया जा रहा है कि अंबिका सोनी लगातार कोशिश में हैं कि आजाद की पार्टी में वापसी कराई जाए। हालांकि, इसको लेकर न तो आजाद व न ही कांग्रेस पार्टी की ओर से किसी तरह का बयान आया है।

वैसे कांग्रेस के जी-23 नेताओं में शामिल हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा भी नबी के संपर्क में हैं। इसके अलावा बिहार कांग्रेस अध्यक्ष व जी-23 नेता रहे अखिलेश प्रसाद सिंह भी आजाद से बातचीत कर रहे हैं। ऐसे में कयास यही लगाया जा रहा है कि जैसे ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जम्मूकश्मीर में एंट्री करती है, वैसे ही आजाद भी इस पदयात्रा का हिस्सा बन सकते हैं और बाद में घर वापसी कर सकते हैं। 

गांधी पारिवार के फोन पर अटकी बात 

राहुल गाधी की भारत जोड़ो यात्रा बस कुछ ही दिन में जम्मू कश्मीर में एंट्री करने वाली है और यहीं पर यह यात्रा खत्म भी होगी। जम्मू कश्मीर में इस पदयात्रा में नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के शामिल होनी की संभावना हैं। साथ ही कांग्रेस से बगावत करने वाले नेता भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे। इस वजह से अब आजाद के ऊपर दबाव बढ़ गया है।

कांग्रेस के कई नेता आजाद को समझाने में जुटे हैं कि उन्हें राहुल गांधी की पदयात्रा में शामिल होना चाहिए। लेकिन आजाद चाहते हैं कि एक बार गांधी परिवार का कोई भी सदस्य उन्हें फोन कर इसके लिए कहे। सूत्रों की मानें तो 10 जनपथ से कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी आजाद को मैसेज किया है। लेकिन आजाद की बात गांधी परिवार के एक फोन पर अटकी हुई है।

पार्टी से रिश्ते तोड़ते वक्त गुलाम नबी ने गांधी परिवार पर निजी हमला बोला था और पार्टी की विफलता का ठीकरा राहुल गांधी के सिर पर फोड़ा था। जिस वजह से गांधी पारिवार आजाद को मनाने के मूड में नहीं है। जिस वजह से गुलाम नबी आजाद के सामने बड़ी चुनौती बनी हुई है। अब वक्त ही बताएगा कि गुलाम नबी आजाद आगे क्या फैसला लेते हैं? राहुल गांधी की पदयात्रा में शामिल होंगे या फिर दिल्ली से एक फोन का इंतजार करेंगे। इसी पर सभी की निगाहें बनी हुई हैं।

जब कांग्रेस में मच गई थी खलबली

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद इसी साल 26 अगस्त को तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पांच पन्नों का इस्तीफा भेजकर पार्टी से जुदा हो गए थे। जिसके बाद कांग्रेस में खलबली मच गई थी। गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के साथ अपने 50 साल के सियासी करियर को विराम दे दिया था। कांग्रेस पार्टी को तगड़ा झटका लगा था। आजाद ने अपने त्यागपत्र में लिखा था कि बहुत खेद के साथ मैंने कांग्रेस से अपना सालों पुराना संबंध तोड़ने का फैसला किया। कांग्रेस ने पार्टी चलाने वाली मंडली के संरक्षण में इच्छाशक्ति और क्षमता खो दी है। भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने से पहले नेतृत्व को कांग्रेस जोड़ो यात्रा  करनी चाहिए थी।

 कांग्रेस के चुने हुए लेफ्टिनेंट्स को पार्टी चलाने वाली मंडली द्वारा तैयार की गई सूचियों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया है। पार्टी में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करने के लिए नेतृत्व पूरी तरह से जिम्मेदार है। कांग्रेस में कमजोरियों के बारे में बताने वाले 23 नेताओं को गालियां दी गईं, उन्हें अपमानित और बदनाम किया गया। कांग्रेस उस दहलीज पर पहुंच गई है, जहां से वापसी नहीं कर सकती। पार्टी का नेतृत्व संभालने के लिए ‘प्रॉक्सी’ का सहारा लिया जा रहा है। आजाद ने कांग्रेस के मौजूदा हालात को लेकर राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया था और उन्हें अपरिपक्व नेता बताया था।

 

 


 

Created On :   30 Dec 2022 4:14 PM IST

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