हिमाचल में सीएम पद की खींचतान के बीच एक और नए नेता की एंट्री, कांगड़ा के विधायकों ने दिया समर्थन
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डिजिटल डेस्क, शिमला। पहाड़ी राज्य हिमाचल में राज बदल गया लेकिन रिवाज कायम रहा। प्रदेश में पांच साल बाद एक बार फिर से कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है। एक तरफ जीत के बाद कांग्रेस कर्याकर्ताओं में जश्न माहौल है, तो वहीं दूसरी ओर पार्टी के आलाकमान की चुनौतियां बढ़ती जा रही है। हिमाचल में मुख्यमंत्री बनने को लेकर पार्टी में कई दावेदार सामने आ चुके हैं। पहले कुर्सी की खींचातान में प्रतिभा सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू का नाम सबसे ऊपर था। फिलहाल अब इस रेस में कांगड़ा के एक कद्दावर नेता की एंट्री हो गई है। कल शिमला में विधायक दल की बैठक हुई थी। आज कांग्रेस के आलाकमान को इस बैठक के बारे में अवगत कराया जायेगा। लेकिन इन सभी के बीच शीर्ष पद के लिए एक और नाम का सामने आना, कांग्रेस के पर्यवेक्षकों की राह काफी मुश्किल कर सकता है।
कांगड़ा में कांग्रेस ने 15 में से 11 सीटों पर जीत हासिल की
मुख्यमंत्री पद के लिए अभी तक मुख्य दावेदारों में पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, सुखविंदर सिंह सुक्खू और मुकेश अग्निहोत्री के नाम सामने आए है। प्रदेश की राजधानी में हुए विधायक दल की बैठक से उम्मीद की जा रही थी कि शीर्ष पद की दावेदारी के लिए यह अंतिम लिस्ट है, जिन पर दो दिनों में फैसला होने वाला था।
सूत्रों के अनुसार, प्रतिभा सिंह और सुक्खू यदि ये दोनों नेता एक-दूसरे के नाम से इनकार करते हैं तो पार्टी सभी की सहमति से एक नए उम्मीदवार की तलाश कर सकती है। इसी बीच कांगड़ा के कुछ विधायकों ने एक विधायक की दावेदारी सीएम पद के लिए पेश कर दी है। मालूम हो कि हिमाचल का सबसे बड़ा जिला कांगड़ा है। यहां से कांग्रेस ने 15 में से 11 सीटों पर जीत हासिल की है।
मुख्यमंत्री पद के लिए जिस विधायक की चर्चा हो रही है, उनका नाम चंदर कुमार चौधरी है जो कि, एक ओबीसी नेता है। इन्ही के नाम को लेकर अब चर्चाएं काफी तेज हो गई है। वे प्रतिभा और सुक्खू गुटों के बीच तकरार होने की स्थिति में संभावना तलाश कर रहे है। हालांकि, इस वक्त सुक्खू गुट के विधायक मुख्यमंत्री पद के लिए ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे है। गौरतलब है कि कल रात कांग्रेस विधायक दल की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जून खड़गे को मख्यमंत्री पद के नाम पर अंतिम फैसला लेने के लिए प्रस्तावित कर दिया है। पार्टी प्रमुख प्रतिभा की उपस्थिति में मुख्यमंत्री पद के दोनों दावेदारों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। जिसके बाद मुकेश अग्निहोत्री ने इस प्रस्ताव को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने पेश की।
राजीव शुक्ला ने कही ये बातें
इस बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने सभी 40 विधायकों से मुलाकात की और मुख्यमंत्री पद के लिए विधायकों के आमने-सामने चर्चा की। एआईसीसी के राज्य प्रभारी राजीव शुक्ला ने मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी विभाजन होने के मुद्दे को दरकिनार करते हुए कहा," किसी भी गुटबाजी का कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि सीएलपी ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है, जो सीएम पर फैसला आलाकमान पर छोड़ता है।"
भले ही सुक्खू ने बयान दिया है कि वह एक समर्पित कांग्रसी है और वे मुख्यमंत्री पद की रेस में नहीं है। लेकिन ऐसा कहा जा रहा कि प्रतिभा सिंह के साथ वह सबसे आगे नजर आ रहे हैं। वहीं, सीएलपी नेता अग्निहोत्री भी शीर्ष पद की रेस में बने हुए है। इनके पास भी विधायकों का समर्थन है। हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि उनके पास विधायकों की संख्या ज्यादा नहीं है। अग्निहोत्री ने भी सीएम पद का चेहरा तय होने के बाद पार्टी बुरी तरह से बिखरने की अटकलों को खारिज कर दिया।
Created On :   10 Dec 2022 3:17 PM IST