सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) के एक मामले में जेल में बंद आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन और उनके दो सहयोगियों की जमानत याचिकाओं पर बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
जैन पिछले साल 30 मई से हिरासत में हैं और उनके सह-आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन हैं। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने आरोपी के वकील, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की दलीलें सुनीं।
निचली अदालत ने 17 नवंबर, 2022 को दिल्ली के पूर्व मंत्री की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। बाद में हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया।
ट्रायल कोर्ट के अनुसार, यह प्रथम ²ष्टया रिकॉर्ड में आया है कि सत्येंद्र जैन कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटरों को नकद भुगतान करके और फिर शेयरों की बिक्री के खिलाफ तीन कंपनियों में पैसा लाकर यह प्रदर्शित करने के लिए कि इन तीन कंपनियों का राजस्व साफ था, अपराध की आय को छिपाने में वास्तव में शामिल थे।
उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका में, जैन ने तर्क दिया कि विशेष न्यायाधीश और प्रवर्तन निदेशालय ने केवल आवास प्रविष्टियों के आधार पर अपराध की आय की पहचान करके धन शोधन निवारण अधिनियम को गलत तरीके से पढ़ा और गलत तरीके से लागू किया है।
यह तर्क दिया गया था कि आवास प्रविष्टियां पीएमएलए के तहत दंडनीय अपराध का कारण नहीं बन सकती हैं। क्योंकि मामले में चार्जशीट पहले ही दायर की जा चुकी है, जैन ने कहा कि मुकदमे के दौरान उन्हें कैद करके रखने की जरुरत नहीं है।
(आईएएनएस)
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   22 March 2023 7:00 PM IST