मध्य प्रदेश कांग्रेस में फिर टकराव के आसार
- कमलनाथ की परंपरा में पटवारी पर भारी
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस में इन दिनों सब ठीक-ठाक नहीं चल रहा है, क्योंकि गाहे-बगाहे ऐसी तस्वीरें सामने आ जाती हैं जो आपसी खींचतान की तरफ इशारा करती हैं। नया मामला कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी का है। इसके चलते टकराव के सतह पर आने की आशंका जोर पकड़ने लगी है।
राज्य विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने राज्यपाल के अभिभाषण के बहिष्कार का ऐलान कर दिया, उन्होंने यह ऐलान सोशल मीडिया पर किया था। यह मामला विधानसभा में उठा और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने साफ तौर पर इसे परंपरा के खिलाफ बताया और यहां तक कह दिया कि वह न तो यह पार्टी का फैसला है और न ही पार्टी फैसले के साथ हैं।
पहले जीतू पटवारी का सदन बहिष्कार का फैसला और उस पर आया प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ का बयान पार्टी के भीतर चल रही खींचतान को उजागर कर गया है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता कमलनाथ के फैसले का समर्थन करते नजर आए, तो वहीं कई नेता दबी जुबान से इसे पार्टी के हित में नहीं मान रहे हैं।
नेताओं का कहना है कि कमलनाथ को पटवारी को सीधे बुलाकर हिदायत दे देनी चाहिए थी न कि सदन में परंपरा का हवाला देकर विधायक को अकेला छोड़ने का संदेश देना था, इससे कांग्रेस के विधायकों का मनोबल ही कमजोर होता है वहीं भाजपा को हमला करने का मौका मिलता है।
इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बांध निर्माण के मामले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा समय न दिए जाने पर विरोध जताते हुए सड़क पर धरना दिया था। वहां पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के साथ उनका जो संवाद हुआ था वह सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हुआ, जिसमें यह कयास लगाए जाने लगे थे कि सिंह और कमलनाथ के बीच सब ठीक-ठाक नहीं है।
पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पहले दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच हुई बातचीत का वीडियो वायरल होना और फिर उसके बाद जीतू पटवारी के मसले पर कमलनाथ की राय आने के बाद पार्टी में आने वाले दिनों में खींचतान बढ़ने की आशंका बनी हुई है।
(आईएएनएस)
Created On :   8 March 2022 8:00 AM GMT