केन्द्र सरकार को विभिन्न राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों से मेट्रो परियोजनाओं के 16 प्रस्ताव मिले
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सात राज्यों और दो केन्द्र शासित प्रदेशों ने अपने यहां मेट्रो रेल परियोजनाओं के ताजा निर्माण तथा विस्तार के लिए केन्द्र सरकार को 16 प्रस्ताव भेजे हैं। इनका मकसद लोगों के लिए त्वरित और स्वच्छ शहरी परिवहन प्रणाली उपलब्ध कराना है। इन प्रस्तावों में तीन क्षेत्रीय रैपिड़ ट्रांसपोर्ट सिस्टम्स का निर्माण भी शामिल है जिनसे दिल्ली को हरियाणा तथा राजस्थान के विभिन्न हिस्सों से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा दो प्रस्ताव जम्मू -कश्मीर की तरफ से आए हैं।
आवास और शहरी मामलों के केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 10 फरवरी को लोकसभा को बताया था कि शहरी परिवहन शहरी विकास का एक अभिन्न अंग है और यह संबंधित राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे मेट्रो रेल परियोजनाओं,शहरी परिवहन बुनियादी ढांचे को शुरू,विकसित और वित्तपोषित करें।
केंद्र सरकार मेट्रो रेल नीति, 2017 के तहत ऐसी परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता पर विचार करती है। पुरी ने कहा, प्रस्ताव की व्यावहार्यता और संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर, केंद्र सरकार शहरों या शहरी समूहों में ऐसी परियोजनाओं पर विचार करती है। उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार द्वारा वित्त पोषण के लिए कोई नया मेट्रो रेल प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया गया।
इन 16 प्रस्तावों में से, सबसे अधिक(तीन) महाराष्ट्र से हैं और इसमें नागपुर मेट्रो के 43.80 किलोमीटर लंबे दूसरे चरण का निर्माण कार्य मंजूरी की तारीख से अगले पांच साल में पूरा किया जाना शामिल है। इसी तरह महाराष्ट्र ने 33 किलोमीटर लंबी नासिक मेट्रो के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया है, जिसे मंजूरी की तारीख से चार साल की अवधि में पूरा किया जाना है। इसी के तहत तीसरा प्रस्ताव 29 किलोमीटर लंबी ठाणे आंतरिक रिंग परियोजना के लिए है, जिसके अनुमोदन की तारीख से पांच साल में पूरा होने की संभावना है।
पुरी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने चौथे चरण के तहत दिल्ली मेट्रो के शेष तीन कॉरिडोर के निर्माण का प्रस्ताव भेजा है, जिसकी कुल लंबाई 43.677 किलोमीटर है। इसे काम शुरू होने से पांच साल में पूरा किया जाना है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को कोच्चि मेट्रो के लिए केरल से दो मेट्रो रेल परियोजनाएं भी मिली हैं, जिनमें से चरण 1 ए के तहत दो किलोमीटर लंबी मेट्रो परियोजना शामिल है। इसके इस साल जून तक पूरा होने की संभावना है। दूसरा प्रोजेक्ट दूसरे चरण में 11.20 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर का है, जिसे मंजूरी की तारीख से चार साल में पूरा करने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश ने दो प्रस्ताव भेजे हैं, एक नोएडा के सेक्टर 51 से ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क तक 14.958 किलोमीटर लंबी नोएडा मेट्रो के विस्तार के लिए है और इसकी मंजूरी की तारीख से 38 महीने में पूरा होने की संभावना है। दूसरा प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह नगर में 15.14 किलोमीटर लंबी गोरखपुर मेट्रोलाइट परियोजना से जुड़ा है जिसे मंजूरी की तारीख से चार साल में पूरा किया जाएगा। जम्मू -कश्मीर से, जम्मू में 23 किलोमीटर लंबी मेट्रोलाइट परियोजना और श्रीनगर के लिए समान लंबाई का प्रस्ताव मिला है और इसे मार्च 2026 तक पूरा किया जाना है।
तमिलनाडु सरकार ने चेन्नई मेट्रो के 118.9 किलोमीटर लंबे दूसरे चरण के निर्माण के लिए एक प्रस्ताव भी भेजा है, जिसके मंजूरी की तारीख से छह साल में पूरा होने की संभावना है। हरियाणा सरकार से केंद्र को 28.50 किलोमीटर लंबी मेट्रो रेल कनेक्टिविटी परियोजना का प्रस्ताव मिला है जो हुडा सिटी सेंटर से गुरुग्राम में साइबर सिटी को जोड़ेगा । इसे मंजूरी की तारीख से पांच साल में पूरा किया जाएगा। केन्द्र सरकार को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 22.424 किलोमीटर लंबी मेट्रो नियो परियोजना का प्रस्ताव मिला है, जिसे मंजूरी की तारीख से तीन साल में पूरा किए जाने की संभावना है।
राजस्थान और हरियाणा के विभिन्न हिस्सों को दिल्ली से जोड़ने वाली तीन प्रस्तावित क्षेत्रीय रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आरआरटीएस) में 107 किलोमीटर लंबी दिल्ली-एसएनबी और 33.3 किलोमीटर लंबी एसएनबी-सोतानाला परियोजना शामिल हैं, जो दिल्ली, गुरुग्राम, शाहजहांपुर ,नीमराना, और हरियाणा के बहरोड़ तथा राजस्थान को जोड़ती है।
इन दो परियोजनाओं के मंजूरी की तारीख से छह साल और पांच साल में पूरा होने की उम्मीद है। तीसरी परियोजना 103.02 किलोमीटर लंबी दिल्ली-पानीपत आरआरटीएस है जो राष्ट्रीय राजधानी को हरियाणा के सोनीपत और पानीपत से जोड़ेगी । इसके मंजूरी की तारीख से छह साल में पूरी होने की संभावना है।
(आईएएनएस)
Created On :   13 Feb 2022 8:30 PM IST