गांधी-नेहरू के परपोतों ने भारत को एकजुट करने के लिए मिलाया हाथ

Bharat Jodo Yatra: Great grandsons of Gandhi-Nehru join hands to unite India
गांधी-नेहरू के परपोतों ने भारत को एकजुट करने के लिए मिलाया हाथ
भारत जोड़ो यात्रा गांधी-नेहरू के परपोतों ने भारत को एकजुट करने के लिए मिलाया हाथ

डिजिटल डेस्क, बुलढाणा। कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान शुक्रवार को पहली बार महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू के प्रपौत्रों ने भारत जोड़ो यात्रा में हाथ मिलाया और भारत को एकजुट रखने का संकल्प लिया। एक्टिविस्ट तुषार ए. गांधी और राहुल गांधी ने एक साथ अकोला से बुलढाणा की सीमा पार करते हुए करीब 15 किमी की दूरी तय की।

अकोला में जन्मे 62 वर्षीय तुषार जब यात्रा में शामिल होने को पहुंचे, तो उनसे 10 साल छोटे राहुल मुस्कुराए और उनका हाथ मिलाकर व गले लगाकर उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत व अभिवादन किया। इसे देखकर यात्रा में शामिल अन्य लोगों ने तालियां बजाई व जयकारे लगाए।

इस मौके पर आईएएनएस से बात करते हुए तुषार गांधी ने कहा, मैं राहुल से पहले भी मिल चुका हूं, लेकिन यात्रा में आज पहली बार उनसे मिलकर बहुत अच्छा लगा। हमने मुख्य रूप से अपनी पारिवारिक परंपराओं, अपने साझा इतिहास और देश के मौजूदा परिदृश्य पर बातचीत की।

राहुल गांधी ने तुषार से महात्मा गांधी के बारे में कई सवाल पूछे। वह गांधीजी के युवा दिनों के बारे में जानने को उत्सुक दिखाई दिए। स्वतंत्रता संघर्ष में बापू की शुरुआती भूमिका, वे बैरिस्टर क्यों बने आदि के बारे में उन्होंने तुषार से जानकारी ली।

तुषार ने कहा कि उन्होंने व राहुल ने कोई राजनीतिक चर्चा नहीं की न ही राहुल ने बाद में उन्हें चुनावी राजनीति में फिर से प्रवेश करने का कोई प्रस्ताव दिया। तुषार ने 1998 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर मुंबई से लोकसभा का चुनाव लड़ा था।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह राजनीति में दूसरी बार उतरने के लिए तैयार होंगे। इस पर तुषार ने जोरदार ठहाके के साथ जवाब दिया चलो देखते हैं। उधर कांग्रेस हलकों में इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या राहुल गाांधी औपचारिक रूप से तुषार को पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित करेंगे और गांधी-नेहरू वंश के दो समान विचारधारा वाले वंशज निकट भविष्य में भाजपा के खिलाफ एकजुट हो जाएंगे।

तुषार ने कहा, राहुल की विनम्रता और सुलभता से मैं प्रभावित हुआ। वह हमेशा काफी खुला रहते हैं, हर चीज के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहते हैं और शालीनता के साथ बातचीत करते हैं। वह उन सभी लोगों के प्रति बहुत सतर्क और जागरूक रहते हैं, जो उनसे मिलने आते हैं। राज्य कांग्रेस के एक नेता ने राहुल-तुषार की मुलाकात को ऐतिहासिक करार दिया।

कांग्रेस पार्टी के एक बयान में कहा गया, ऐसा लग रहा था जैसे स्वतंत्रता संग्राम खुद को दोहरा रहा था। जब देश में ब्रिटिश राज की तानाशाही बढ़ रही थी, तब गांधी-नेहरू देश को अपने साथ लेकर सड़कों पर उतरे थे। आज राहुल वही कर रहे हैं और तुषार उनके साथ आ गए हैं। घृणा, हिंसा और अन्याय जब-जब सिर उठायेंगे गांधी-नेहरू हर युग में भाईचारा, अहिंसा और न्याय की स्थापना के लिए न केवल भारत में, बल्कि विश्व को रास्ता दिखाने आएंगे।

 

(आईएएनएस)

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Created On :   18 Nov 2022 2:00 PM IST

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