एमसीडी के चुनावी नतीजों में बजा आप का डंका, बीजेपी नहीं रोक पाई विजय रथ, कांग्रेस की डूबी लुटिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम के चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने पूर्ण बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल कर लिया है। 250 सीटों पर हुए निकाय चुनाव में आप ने शुरूआती दौर में 130 सीटों पर बढ़त बनाई हुई थी। वहीं 15 सालों से दिल्ली नगर निगम पर कब्जा जमाने वाली भारतीय जनता पार्टी 104 सीटों पर आगे चल रही थी।
बीजेपी के सत्ता में वापसी वाले रिवाज को तोड़ते हुए आप ने निकाय चुनाव में काफी अच्छा प्रर्दशन किया है और सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के नेताओं व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई दफा देखा गया है कि वह डबल इंजन सरकार लाने की बात करते रहते हैं। हालांकि, दिल्ली निकाय चुनाव के परिणाम आप के पक्ष में आया है। आम आदमी पार्टी के जीतते ही राष्ट्रीय राजधानी में केजरीवाल की डबल इंजन की सरकार बन गई है।
दिल्ली में आप का दबदबा
दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं। इस बार बीजेपी को पटखनी देते हुए आप ने नगर निगम पर कब्जा कर लिया है। दिल्ली के नगर निगम के सिंहासन पर पहली बार बैठने जा रही आप को 250 वार्डों में से 134 सीटों पर जीत हासिल हुई है। वहीं तीन बार से लगातार दिल्ली नगर निगम की कुर्सी पर बैठी हुई भाजपा को 104 सीटों से ही संतोष करना पड़ा है। किसी जमाने में एमसीडी पर लगातार राज करने वाली कांग्रेस को इस बार केवल 9 सीटें ही मिली हैं। वहीं 3 सीटों पर अन्य प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। इस बार आप की राज्य में डबल इंजन की सरकार बनने के बाद आप संयोजक व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल काफी गदगद नजर आ रहे हैं। साथ ही आप कार्यकर्ता इस जीत से काफी उत्साहित दिख रहे हैं।
दिल्ली चुनाव आयोग के मुताबिक, आप को 42 फीसदी जबकि बीजेपी को 39 फीसदी वोट मिला है, वहीं कांग्रेस को मात्र 12 फीसदी वोट मिले हैं। चुनाव को गंभीर रूप से समझने वाले राजनीतिक पंडितों का मानना है कि कांग्रेस की वोट प्रतिशत पिछले बार से काफी कम है। इसकी वजह से आप को फायदा हुआ है, कांग्रेस की कोर वोटर्स केजरीवाल के पक्ष में वोट किए हैं। जिसकी वजह से भाजपा को काफी नुकसान उठाना पड़ा है।
नतीजे ने सबको किया हैरान
दिल्ली के एमसीडी चुनाव के नतीजें आप के लिए काफी खास रहा है। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया मौजूदा वक्त में पटपड़गंज विधानसभा से विधायक हैं। जहां की 4 वार्डों पर वोटिंग हुई थी। जिनमें से 3 सीटों पर आप को हार मिली है। इसके अलावा जेल में बंद मंत्री सत्येंद्र जैन की विधानसभा के शकूरबस्ती की तीनों सीट पर आम आदमी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। वहीं नई दिल्ली से बीजेपी की सांसद मानाक्षी लेखी के संसदीय क्षेत्र में 25 वार्डों पर मतदान हुए थे। जिनमें भाजपा केवल 5 सीटों पर ही जीत दर्ज की है। वहीं 20 वार्डों पर केजरीवाल की आप ने जीत हासिल की है।
कांग्रेस व बसपा ने बिगाड़ा बीजेपी का खेल
दिल्ली के निकाय चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस पार्टी की हुई है। एक समय में एमसीडी पर काबिज रहने वाली कांग्रेस पार्टी की साल 2017 से भी इस बार वोट प्रतिशत कम रहा है। जिससे साफ पता लगता है कि कांग्रेस पार्टी की लोकप्रियता में कमी आई है। जो उसके वोट प्रतिशत से उजागर होता हुआ नजर आ रहा है। वहीं साल 2017 में कांग्रेस की वोट 20 फीसदी रही थी, लेकिन इस बार पिछले चुनाव से 8 फीसदी कम वोट मिले हैं। वहीं बसपा ने 2017 के चुनाव में 6 फीसदी वोट हासिल की थी। जो इस बार 2 प्रतिशत वोट पर ही सिमट कर रह गई। बसपा और कांग्रेस के वोट प्रतिशत में कमी आने की वजह से सीधे तौर पर केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को फायदा हुआ है। जिसकी वजह से भाजपा को एमसीडी की सत्ता से दूर रहना पड़ेगा। इसके अलावा विपक्ष की भूमिका में रह कर भाजपा को संतोष करना होगा।
Created On :   7 Dec 2022 6:25 PM IST