अजित पवार और विधायकों की बगावत से टेंशन में एनसीपी, शरद पवार ने भविष्य की रणनीति पर चर्चा के लिए बुलाई बैठक

अजित पवार और विधायकों की बगावत से टेंशन में एनसीपी, शरद पवार ने भविष्य की रणनीति पर चर्चा के लिए बुलाई बैठक
5 जुलाई को होगी बैठक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में तेजी से बदले घटनाक्रम के बाद एनसीपी में चिंता में घिर गई है। पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भविष्य की रणनीति पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई है। यह बैठक मुंबई में पांच जुलाई को होगी। इस बात की जानकारी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल ने दी। बता दें कि आज अजित पवार सहित एनसीपी के नौ नेता पार्टी से बगावत करते हुए एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हो गए।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए जयंत पाटिल ने बताया कि, बैठक दक्षिण मुंबई के वाईएस चव्हाण केंद्र में 5 जुलाई को दोपहर एक बजे होगी। उन्होंने कहा, 'राकांपा एक पार्टी के रूप में एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार का समर्थन नहीं करती है। सरकार को समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले कई विधायकों ने मुझे फोन किया और कहा कि वे भ्रमित हैं और हमेशा शरद पवार का समर्थन करेंगे।'

पाटिल ने कहा कि पार्टी के कुछ नेता पहले भी कई बार यह मांग करते थे कि एनसीपी को बीजेपी के साथ गठबंधन कर लेना चाहिए। लेकिन पार्टी आलाकमान ने इसे कभी मंजूरी नहीं दी। उन्होंने कहा कि राकांपा के नौ नेताओं ने पार्टी के आदर्शों के खिलाफ जाकर मंत्री पद की शपथ ली है। उन्होंने कहा, 'अब तक हमारी पार्टी के नौ विधायक (शिंदे सरकार में) मंत्री बन चुके हैं। अन्य लोग शपथ ग्रहण समारोह देखने गए थे।'

शरद पवार ने क्या कहा?

अजित पवार और पार्टी के 9 विधायकों की बगावत पर शरद पवार का बयान भी सामने आया है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, दो दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने एनसीपी के बारे कहा था कि एनसीपी खत्म हो चुकी पार्टी है। उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र किया। मुझे खुशी है कि मेरे कुछ साथियों ने आज शपथ ली है। उनका सरकार(महाराष्ट्र) में शामिल होने से यह स्पष्ट है कि वे सभी आरोप मुक्त हो गए हैं। उन्होंने आगे कहा, मैंने 6 जुलाई को सभी नेताओं की एक बैठक बुलाई थी जहां कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी थी और पार्टी के भीतर कुछ बदलाव किए जाने थे। लेकिन उससे पहले ही कुछ नेताओं ने अलग रुख अपनाया है।

पवार ने जोर देकर आगे कहा कि, यह कोई नई बात नहीं है। 1980 में मैं जिस पार्टी का नेतृत्व कर रहा था, उसके 58 विधायक थे, बाद में सभी चले गए और केवल 6 विधायक बचे, लेकिन मैंने संख्या को मजबूत किया और जिन्होंने मुझे छोड़ा वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हार गए।

उन्होंने आगे कहा, "मुझे बहुत से लोगों से फोन आ रहे हैं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य लोगों ने मुझे फोन किया है। आज जो कुछ भी हुआ मुझे उसकी चिंता नहीं है। कल मैं वाई.बी. चव्हाण (महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री) का आशीर्वाद लूंगा और एक सार्वजनिक बैठक करूंगा।"

शरद पवार समर्थकों ने बागियों की तस्वीरों पर छिड़का काला पेंट

अजित पवार और बागी विधायकों की तस्वीरों पर एनसीपी कार्यकर्ताओं ने गुस्सा जाहिर करते हुए काला पेंट छिड़का और विरोध में नारे लगाए। उधर, पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।

Created On :   2 July 2023 11:52 PM IST

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