विपक्षी घेराव के बाद: नड्डा के घर हुई एनडीए नेताओं की मीटिंग, कई मुद्दों पर हुई चर्चा
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- शाह के अंबेडकर बयान पर घेरे में एनडीए सरकार
- अंबेडकर विवाद और वन नेशन वन इलेक्शन पर चर्चा
- सवर्णों और अगड़ों की पार्टी का ठप्पा मिटाने का बीजेपी को मौका
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर आज एनडीए नेताओं की मीटिंग हुई। बैठक में अंबेडकर विवाद और वन नेशन वन इलेक्शन पर चर्चा हुई। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सदन में डॉ भीमराव अंबेडकर पर दिए बयान के विरोध में विपक्षी दल देशभर में बीजेपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे है। शाह के बयान से बीजेपी बैकफुट पर आ गई है। बीजेपी इससे निकलना चाहती है। इसी बीच आज बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन की बैठक हुई।
आपको बता दें बीजेपी इस संकट से निकलने के लिए कोई बड़ा कदम लेने के मूड़ में है। सियासी गलियारों में चर्चाएं हो रही है कि कांग्रेस की तर्ज पर बीजेपी किसी दलित नेता को बीजेपी का अध्यक्ष बना सकती है। ताकि विपक्षी दलों के स्वरों को रोका जा सके। कांग्रेस को मल्लिकार्जुन खड़गे को अध्यक्ष बनाने का फायदा चुनाव में मिला था। बीजेपी भी दलित वोटर्स को पुख्ता करने के लिए ये कदम उठा सकती है।
वैसे आपको बता दें बीजेपी को सवर्णों और अगड़ों की पार्टी के तौर पर माना जाता रहा है। बीजेपी ने राजस्थान, महाराष्ट्र और हरियाणा में ब्राह्मणों की संख्या बेहद कम होने के बावजूद भी कई ब्राह्मण नेताओं को संवैधानिक पद सौंपे है। अब बीजेपी हाईकमान चाहेगा कि किसी दलित को पार्टी की सबसे अहम जिम्मेदारी देकर सवर्ण पार्टी होने का ठप्पा मिटाया जा सके। बीजेपी के साथ साथ आरएसएस में भी अभी तक कोई दलित नेता प्रमुख पद पर नहीं पहुंचा है। जिसके चलते बीजेपी विरोधी पार्टियों के निशाना पर बनी रहती है। बीजेपी के ज्यादातर फैसलों ने सबको चौंका दिया है। उच्च पदों के मामले में बीजेपी और संघ का इतिहास बताता है संगठन में किसी दलित नेता को बड़े पद नहीं दिए हैं।अब लो-प्रोफाइल और भरोसेमंद नेता को मौका मिल सकता है।
आने वाले समय में देश के सबसे राज्य यूपी में चुनाव है, जहां आम चुनाव में बीजेपी को झटका लगा था। बीजेपी अब ये नहीं चाहेगी। इसके लिए बीजेपी उत्तरप्रदेश के किसी दलित नेता को पार्टी की कमान दे सकती है। दरअसल इसके पीछे की एक वजह यह भी है कि यूपी में बसपा कमजोर हुई है, जिससे बहुजन वोट बंटा हुआ है। बीजेपी इन्हीं वोटर्स को अपने पाले में करने के लिए ये कदम उठा सकती है। यूपी के ही दलित नेता रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाकर बीजेपी यह प्रयास पहले भी कर चुकी है। जो काफी लाभ साबित हुआ था।
Created On :   25 Dec 2024 2:34 PM IST