स्मारक पर विवाद का नाता पुराना: मनमोहन सिंह ही नहीं, इन प्रधानमंत्रियों के मेमोरियल बनने पर भी छिड़ी चुकी है बहस
- जानिए देश में किन प्रधानमंत्रियों के स्मारक पर हुआ है बवाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के 13वें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पंचत्व में विलीन हो चुके हैं। इसके बाद अब पूर्व प्रधानमंत्री के स्मारक को लेकर राजनीति बहस छिड़ गई है। कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार से मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मनमोहन सिंह का अंतिम सरकार रीति रिवाज के साथ नहीं किया गया है। इसके अलावा कांग्रेस ने पूर्व पीएम के स्मारक बनाने के लिए जमीन आवंटित करने की मांग भी रखी है।
देश की राजनीति में पहले भी देश में कई प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार और उनके स्मारक बनाने के मुद्दे पर बहस छिड़ चुकी है। दरअसल, मनमोहन सिंह के अलावा देश के 3 पूर्व प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार दिल्ली के बाहर किया गया था। इनमें से दो ऐसे पूर्व पीएम थे जिनका स्मारक बनाने की जगह नहीं दी गई है। आइए जानते हैं उन पूर्व प्रधानमंत्री के बारे में
नरसिम्हा राव
इस लिस्ट में पहला नाम आता है कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव का। उनका निधन 23 दिसंबर 2004 को हुआ था। वह 1991 से 1996 तक देश के प्रधानमंत्री थे। उस दौरान दिल्ली में मनमोहन सिंह की नई सरकार बनी थी। नरसिम्हा राव के निधन के बाद उनका परिवार ने दिल्ली में अंतिम संस्कार कराने की मांग की थी। जबकि, कांग्रेस के कुछ नेता राव का अंतिम संस्कार हैदराबाद में कराने की मांग पर अड़े थे। इसके बाद राव के अंतिम संस्कार वाले मुद्दे पर काफी खींचातान देखने को मिली थी।
इस बारे में विनय सीतापति ने अपनी बुक 'हाल्फ लायन: नरसिम्हा राव' में लिखा है, "24 दिसंबर 2004 को मनमोहन सिंह ने राव के बेटे से उनके अंतिम संस्कार के बारे में जानकारी ली तो राव के बेटे का कहना था कि पिता प्रधानमंत्री रहे हैं और परिवार की चाहत दिल्ली में ही उनका अंतिम संस्कार करने की।"
इसके अलावा मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे चुके संजय बारू ने भी मुद्दे पर बात रखी थी। उन्होंने बताया था कि मनमोहन सिंह बी राव का अंतिम संस्कार दिल्ली में कराने की पक्ष में थे। लेकिन, कांग्रेस में अंदरूनी दबाव के चलते उन्होंने चुप्पी साध ली थी।
नतीजा यह रहा है कि आंध्र प्रदेश के दिग्गज नेता वाईएस रेड्डी के मशवरे पर हैदराबद में नरसिम्हा राव का अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद कांग्रेस ने दिल्ली में राव के मेमोरियल बनाने का ऐलान किया था। हालांकि, यह कभी पूरा नहीं हो पाया है।
वीपी सिंह
जनता पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह का निधन 2008 में हुआ था। वह 1989 से 1990 तक प्रधानमंत्री पद पर कार्यरत रहे थे। सिंह के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार की बहस शुरू हो गई थी। हालांकि, बाद में इलाहबाद में सिंह का अंतिम संस्कार किया गया। बताया जाता है कि वीपी सिंह के परिवार की इच्छानुसार मांडू के राजा ने प्रयागराज के संगम किनार उनका अंतिम संस्कार करवाया था।
हालांकि, राव का अंतिम संस्कार तो राजकीय सम्मान के साथ हुआ। इसके लिए सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री के रूप में एक प्रतिनिधि को यहां भेजा गया था। बता दें, वीपी सिहं के अंतिम संस्कार में मनमोहन सरकार में मंत्री रहे सुबोधकांत सहाय शामिल हुए थे।
इसके बाद दिल्ली में वीपी सिंह के स्मारक बनाने की मांग रखी गई। लेकिन यह बन नहीं पाया। इसके सालों बाद 2023 में तमिलनाडु में एमके स्टालिन की सरकार ने पूर्व पीएम वीपी सिंह की भव्य प्रतिमा लगाई। बता दें, कांग्रेस में वीपी सिंह की छवि धुर विरोधी नेता की रही है। साल 1989 में राजीव गांधी के खिलाफ वीपी ने मोर्चेबंदी की थी।
मोरारजी देसाई
मुंबई के जसलोक अस्पताल में पूर्व प्रधानमंत्री मोराजी देसाई का निधन 1995 का निधन हुआ था। इसके बाद मोरारजी देसाई के परिवार ने साबरमती के तट पर अंतिम संस्कार हुआ था। पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव भी मोरारजी देसाई के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे।
इसके बाद दिल्ली में मोरारजी का अस्थि कलस पहुंचाया गया था। तब जनता दल के नेताओं की ओर से दिल्ली में मोरारजी का स्मारक बनाने की मांग उठी थी। लेकिन, यह कभी पूरी नहीं हो पाई।
Created On :   28 Dec 2024 7:45 PM IST