कहानी मुख्तार के आंतक की: जेल में बंद रहते कृष्णानंद राय की करवाई थी हत्या, गोलियों की गूंज से थर्रा उठा था पूर्वांचल, आज भी होती है चर्चा

जेल में बंद रहते कृष्णानंद राय की करवाई थी हत्या, गोलियों की गूंज से थर्रा उठा था पूर्वांचल, आज भी होती है चर्चा
  • जय श्रीराम...मुट्ठी में है बोलकर कृष्णानंद राय की हत्या को दिया अंजाम
  • कृष्णानंद राय की हत्या में चली थी 500 से ज्यादा गोलियां
  • मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात हार्ट अटैक से मौत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात उत्तर प्रदेश के बांदा के एक अस्पताल में हार्ट अटैक से मौत हो गई। मुख्तार के परिवार का यह दावा है कि मुख्तार अंसारी को धीमा जहर दिया जा रहा था। लेकिन आज हम आपको मुख्तार अंसारी से जुड़े एक ऐसे केस के बारे में बताएंगे। जब पूरा पूर्वांचल उसके एक हत्याकांड से थर्रा उठा था। यह एक ऐसा हत्याकांड था जो सिर्फ राजनीतिक ही नहीं बल्कि धार्मिक मुद्दा भी बन गया। एक ऐसा हत्याकांड जब मुख्तार अंसारी ने 'जय श्रीराम...मुट्ठी में है' जैसे शब्द बोले थे। लगभग 500 से ज्यादा गोलियां इस हत्याकांड में चली थी। एक ऐसा हत्याकांड जिसके बाद भारत के वर्तामान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी धरने पर बैठ गए थे। आइए आपको बताते हैं मुख्तार अंसारी यह क्राइम स्टोरी के बारे में...

'जय श्रीराम...मुट्ठी में है'

26 नवंबर, 2005 का वह दिन जब उत्तर प्रदेश के गाजीपूर में भाजपा के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय को एक क्रिकेट प्रतियोगिता में चीफ गेस्ट बुलाया गया था। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद कृष्णानंद राय समेत उनका काफिला वापस लौट रहा था। कुछ दूरी तय करने के बाद अचानक कृष्णानंद राय पर गोलियों की बरसात होने लगी। यह गोलियां राकेश पांडे और मुन्ना बजरंगी ने चलाई थी। लगभग 500 से अधिक गोलियों की बरसात से कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की मौत हो गई। इस हत्याकांड का आरोप मुख्तार अंसारी और उसके भाई अफजल अंसारी पर लगा। इस पूरी घटना पर मुख्तार पल-पल अपनी नजर बनाए हुआ था। कृष्णानंद राय की मौत की जानकारी उसको जैसे ही मिली उसने तुरंत माफिया अभय सिंह को फोन किया और कहा 'जय श्रीराम...मुट्ठी में है।' बता दें कि भाजपा विधायक कृष्णानंद राय चोटी रखा करते थे। उनकी जब हत्या हुई उसके बाद शूटर राकेश पांडे ने चोटी को भी काट लिया।

आखिर क्यों हुई हत्या?

कहा जाता है कि कृष्णानंद राय की पूर्वांचल में उस समय एक अलग ही पहचान थी। मुहम्मदाबाद इलाका मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी का गढ़ कहा जाता था। लेकिन शायद कृष्णानंद राय इन दोनो पर भारी पड़ गए। उन्होने 2002 का विधानसभा चुनाव मुहम्मदाबाद से जीत लिया और अफजाल अंसारी को हराकर विधायक बन गए। यहीं से दोनो के बीच दुश्मनी और बढ़ गई। इसके बाद 2005 में कृष्णानंद राय की हत्या कर दी जाती है।

जेल से किया था फोन

पूर्वांचल में हुए इस हत्याकांड के बाद मुख्तार अंसारी और माफिया अभय सिंह की कॉल रिकाडिंग वायरल हो गई। जिसमें मुख्तार ने कहा था 'जय श्रीराम...मुट्ठी में है।' इसके साथ ही तत्कालीन आईजी एसटीएफ अमिताभ का भी एक बड़ा बयान सामने आया, उनका कहना था कि मुख्तार अंसारी ने यह फोन कॉल जेल में रह कर किया था और माफिया अभय सिंह भी फैजाबाद के जेल में बंद था।

सीबीआई जांच करवाने की मांग

कृष्णानंद राय समेत सात लोगो की हत्या ने पूरे प्रदेश में भूचाल ला दिया था। भारत के वर्तामान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी धरने पर बैठ गए थे। वह सब इस हत्याकांड में सीबीआई जांच करवाने की मांग कर रहे थे। जिसको रोकने का भी बहुत प्रयास किया गया। लेकिन जब कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने इलाहाबाद कोर्ट में याचिका दायर की। उसके बाद मई 2006 में इस मामले को सीबीआई को सौंपने का ऑर्डर दिया गया। मुख्तार अंसारी मऊ सरद से पांच बार विधायक रह चुका है। इसके साथ ही उसके ऊपर 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित हैं।

Created On :   29 March 2024 6:02 PM IST

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