कर्नाटक के राज्यपाल ने कांग्रेस के 3 एमएलसी नियुक्‍त किए

कर्नाटक के राज्यपाल ने कांग्रेस के 3 एमएलसी नियुक्‍त किए
  • राज्यपाल गहलोत ने तीन कांग्रेसी उम्मीदवारों को एमएलसी नियुक्त किया
  • राज्यपाल ने एम.आर.सीताराम, उमाश्री और एच.पी. सुधन दास को एमएलसी किया है नियुक्त

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने शनिवार को कांग्रेस पार्टी द्वारा नामित तीन उम्मीदवारों को एमएलसी नियुक्त किया। राज्यपाल ने एम.आर.सीताराम, उमाश्री और एच.पी. सुधन दास को एमएलसी नियुक्त कियाराज्यपाल ने एम.आर.सीताराम, उमाश्री और एच.पी. सुधन दास को एमएलसी नियुक्त किया है। उमाश्री मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की करीबी विश्‍वासपात्र हैं और बागलकोट जिले के टेराडल निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं। वह 2013 और 2018 के बीच सिद्दारमैया के नेतृत्व वाली सरकार में महिला और बाल विकास मंत्री रह चुकी हैं। उन्‍हें कलाकार कोटे से एमएलसी पद के लिए नामित किया गया है।

एम.आर.सीताराम पूर्व मंत्री, उद्यमी और शिक्षाविद् हैं। सूत्रों का कहना है कि वह बेहद साधन संपन्न हैं और मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के करीबी भी हैं। शिक्षा में योगदान देने वाले व्यक्तियों के लिए आरक्षित कोटे के तहत एमएलसी पद के लिए उनके नाम पर विचार किया गया। ससुधन दास पूर्व विधायक एच. पुट्टादास के बेटे हैं, जिन्होंने सतानुरु निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। बाद में इस सीट का प्रतिनिधित्व उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार करने लगे थे।

सूत्रों ने बताया कि सुधन दास पांच महीने पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे और उन्हें समाज सेवा के कोटे के तहत माना गया था। सुधन दास प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पूर्व अधिकारी भी हैं। वह भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी हैं और उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने के लिए वीआरएस लिया था। वह ईडी के कर्नाटक और केरल प्रभारी उप निदेशक थे। वह अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं और दलित नेता हैं। शिवकुमार ने दास को एमएलसी पद का वादा करके पार्टी में शामिल किया था, हालांकि दास की पदोन्नति का पार्टी नेताओं ने विरोध किया है और इसकी शिकायत कांग्रेस आलाकमान से भी की गई है।

दास के नामांकन के खिलाफ राज्यपाल के पास भी शिकायत दर्ज कराई गई है। आरोप है कि सीताराम पर अवैध धन हस्तांतरण का आरोप लगा था। सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने सरकार से स्पष्टीकरण मिलने के बाद दास की नियुक्ति की। एआईसीसी प्रवक्ता संकेत येनागी ने कहा कि पार्टी को केवल वरिष्ठ नेताओं और उनके परिवारों को तरजीह देने के बजाय सक्षम, सुशिक्षित, भावुक और समर्पित युवाओं के लिए अवसर पैदा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो पार्टी के पास कोई युवा नेता नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाना चाहिए।


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Created On :   20 Aug 2023 9:57 AM IST

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