वन नेशन वन इलेक्शन v/s जाति जनगणना: केंद्र की मोदी 3.0 सरकार क्यों जल्द से जल्द लाना चाहती है वन नेशन वन इलेक्शन? इस राजनीतिक समीकरण से समझिए

केंद्र की मोदी 3.0 सरकार क्यों जल्द से जल्द लाना चाहती है वन नेशन वन इलेक्शन? इस राजनीतिक समीकरण से समझिए
  • वन नेशन वन इलेक्शन मामले में केंद्र सरकार की तेजी
  • पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित हुई थी कमेटी
  • कमेटी ने अपनी सिफारिश सरकार को सौंपी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र की एनडीए सरकार वन नेशन वन इलेक्शन मामले में तेजी से जुड़ गई है। माना जा रहा है कि अब भाजपा सरकार के नेतृत्व में केंद्र सरकार इस पर जल्द ही अपना रूख स्प्ष्ट कर देगी। वैसे आपको बता दें एक राष्ट्र एक चुनाव पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की। कमेटी ने अपनी सिफारिश सरकार को सौंप दी।

आगामी समय में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं, हाल ही मैं संसदीय चुनाव हुए है। केंद्र में बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आगामी राज्यों में होने वाले चुनावों के साथ यान महाराष्ट्र के साथ दिल्ली के चुनाव कराने की मांग की है। महाराष्ट्र में नवंबर में चुनाव होने है। ऐसे में सियासी गलियारों में ये खबर चलने लगी है कि केंद्र की एनडीए सरकार अपने मौजूदा दौर में ही वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक को लेकर आएगी।

आपको बता दें राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनावों को एक साथ कराने के कनसेप्ट को वन नेशन वन इलेक्शन कहते है। यानि एक देश में एक समय में चुनाव होना है।पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने से पहले ये रिपोर्ट आई। वन नेशन वन इलेक्शन का मुद्दा बीजेपी के लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में शामिल था। पीएम ने 15 अगस्त के दिन भी लाल किले की मंच से इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आने का आग्रह किया था। पीएम ने इसे समय की मांग बताया।

लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित करने संबंधी कानून 2029 में लागू करने की बात केंद्र सरकार पहले ही कह चुकी है। हालांकि इससे पहले चुनावी क्षेत्रों का परिसीमन कराने की बात सरकार ने स्वीकार की है। दूसरी तरफ विपक्ष जातीय जनगणना की बात करके एनडीए सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहा है। केरल में हुई आरएसएस की बैठक में संघ पदाधिकारियों ने जातिगत जनगणना को और हवा दे दी। ऐसे में सरकार डिजिटल जनगणना की बात करके ,नियमों में नए परिवर्तन करके जातीय जनगणना कराए उसके बाद परिसीमन करके एक देश एक चुनाव पर सभी दल राजी हो सकते हैं।

Created On :   16 Sept 2024 11:49 AM GMT

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