विधानसभा चुनाव 2023: शिवराज नहीं तो फिर कौन? मप्र में बंपर जीत के बाद अब बीजेपी को तलाशना होगा इस सवाल का जवाब, ये हो सकते हैं बेस्ट ऑप्शन
- मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी
- बंपर जीत की तरफ बढ़ रही बीजेपी
- एमपी में शिवराज सिंह चौहान नहीं तो कौन होगा मुख्यमंत्री?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है जहां भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत लगभग तय मानी जा रही है। इस बीच यह सवाल चर्चा का विषय बना हुआ है कि, मध्यप्रदेश की कमान अब किसके हाथों में होगी, कौन बनेगा मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री? एक तरफ शिवराज सिंह चौहान ने इन चुनावों में जिस तरह मेहनत की है और जिस तरह उनकी महिलाओं के लिए बनाई गई योजना कारगर साबित हुई है। महिलाएं शिवराज चौहान की योजनाओं से इतनी प्रभावित थीं कि बीजेपी को भर-भरकर वोट दिए हैं। लेकिन पार्टी ने जहां शिवराज सिंह को चुनाव में सीएम फेस नहीं बनाया, वो क्या शिवराज को पांचवी बार प्रदेश की कमान सौंपेगी? ऐसे में इस समय कई बड़े नेताओं के नाम भी सामने आ रहे हैं जिसमें वीडी शर्मा, ज्योतिरादित्य सिधिंया, कैलाश विजयवर्गी, नरेंद्र सिंह, नरोत्तम मिस्त्रा शामिल हैं। तो चलिए जानते हैं कि इनमें से सबसे ज्यादा सीएम बनेने की संभावना किसकी है और क्यों-
ज्योतिरादित्य सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया की काफी पहले से इच्छा है कि वे प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। उनका कांग्रेस को छोड़ने का कारण भी यही रहा था कि, उन्हें सीएम या कोई अन्य अहम जिम्मेदारी नहीं दी गई। सिंधिया जब से बीजेपी में आएं हैं तब से लगातार काम कर रहे हैं। जिस तरह आज सुबह ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद चलकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास मिलने पहुंचे हैं उससे तो यही लगता है कि कहीं न कहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी पार्टी में सीएम पद के लिए चल रहा है। ग्वालियर रीजन में बीजेपी को बड़े पैमाने पर इस बार बढ़त मिल रही है। 2018 के चुनावों में बीजेपी के पिछड़ने का सबसे बड़ा कारण यही क्षेत्र रहा था। ऐसे में सिधिंया मध्यप्रदेश सीएम पद के बड़े दावेदार हो सकते हैं।
वीडी शर्मा
हमेशा चर्चा में रहने वाले प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्हें विधानसभा चुनाव नहीं लड़ाया गया है पर, चुनाव प्रचार के दौरान कई ऐसे संकेत मिले हैं, जिसकी वजह से उनके नाम की चर्चा होती रही है। प्रचार के दौरान वीडी शर्मा के साथ पीएम मोदी की कानाफूसी, इसके अलावा इंदौर में रोड शो के दौरान पीएम के साथ सिर्फ वीडी शर्मा को देखकर उनके सीएम बनने की बात कही जा रही थी। हालांकि जोर पकड़ रही पिछड़ों की राजनीति के बीच बीजेपी किसी सवर्ण को सीएम बनाएगी ऐसा लगता तो नहीं है।
कैलाश विजयवर्गीय
मध्य प्रदेश में सीएम पद के लिए कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी चर्चा में है। इंदौर-1 सीट से टिकट मिलने के बाद से विजयवर्गीय लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं जैसे वे प्रदेश के सीएम बनने वाले हैं। विजयवर्गीय ने एक बार इंदौर में कहा कि मैं भोपाल में बैठकर इशारा करूंगा उससे ही आपका काम हो जाएगा। इससे पहले भी उन्होंने एक बार कहा कि मैं सिर्फ विधायक बनने नहीं आया हूं। पार्टी की ओर से मुझे कुछ और बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी, बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी तो काम भी बड़ा करूंगा। राजनीति संभावनाओं का खेल है और कभी भी कुछ भी हो सकता है।
नरेंद्र सिंह तोमर
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम भी सीएम पद के दावेदारों में लिया जा रहा है। तोमर को एमपी में चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक बनाए जाने के बाद से ही इनके नाम की चर्चा हो रही थी। केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद उन्हें चुनाव लड़ने के लिए केंद्र ने भेजा तब से ऐसी खबरें चर्चा में हैं कि वे प्रदेश के सीएम हो सकते हैं। हालांकि तोमर इससे इनकार करते रहे हैं। मुरैना में एक बार तोमर ने कहा कि, भाजपा सामूहिक नेतृत्व वाला दल है। सबने मिलकर चुनाव लड़ा है। परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री चयन की तय प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। हालांकि जिस तरह उनके बेटे का वसूली वाला वीडियो वायरल हुआ है उनकी छवि कमजोर हुई है।
कुलस्ते, प्रह्लाद पटेल, नरोत्तम मिस्त्रा
अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर नरेंद्र मोदी की सरकार तक में मंत्री रह चुके केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को बीजेपी ने मैदान में उतारा है। शिवराज सिंह चौहान के बाद प्रदेश में वह सबसे बड़े ओबीसी नेता हैं। यह उनके लिए सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है। मध्य प्रदेश में 47 विधानसभा सीटें आदिवासियों के लिए रिजर्व है। केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को सीएम बनाकर छत्तीसगढ़ और झारखंड और आसपास कई राज्यों के आदिवासी वोटों पर बढ़त ले सकती है। इसी तरह प्रदेश की गृहमंत्री नरोत्तम मिस्रा के कट्टर हिंदुत्व वाले तेवरों के चलते उनका नाम भी आगे बढ़ सकता है।
Created On :   3 Dec 2023 8:58 AM GMT