दिल्ली शराब नीति घोटाला मामला: अरविंद केजरीवाल को ईडी ने किया अरेस्ट, जानिए सीएम की गिरफ्तारी के क्या हैं नियम?
- दिल्ली शराब नीति मामले में केजरीवाल गिरफ्तार
- ईडी ने 2 घंटे की पूछताछ के बाद किया अरेस्ट
- जानिए किन मामलों में हो सकती है किसी सीएम की गिरफ्तारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में दिल्ली के सीएम और आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। गुरुवार की शाम प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम 10वां समन और सर्च वारंट लेकर सीएम केजरीवाल के आवास पर पहुंची। जहां दो घंटे की पूछताछ के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। ऐसे में जहां केजरीवाल की गिरफ्तारी से देश की सियासत में भूचाल आ गया है वहीं लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या किसी राज्य के सीएम को गिरफ्तार करना इतना आसान होगा? उनकी गिरफ्तारी के क्या नियम होंगे? दरअसल, मुख्यमंत्री गिरफ्तारी कुछ विशेष मामलों में ही हो सकती है। आइए जानते हैं वो नियम जिनके तहत जांच एजेंसियां किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर सकती है।
केवल सिविल मामलों में गिरफ्तारी
भारतीय कानून के मुताबिक किसी आरोपी के दोषी साबित होने पर जांच एजेंसियां उसे गिरफ्तार कर सकती हैं। चाहे मामला सिविल हो या क्रिमिनल दोनों में ही उसकी गिरफ्तारी होती है। लेकिन किसी राज्य के सीएम को लेकर इसके अलग नियम हैं। कोड ऑफ सिविल प्रोसिजर 135 के तहत किसी सूबे के मुख्यमंत्री को सिविल मामलों गिरफ्तारी से छूट मिलती है।
हालांकि ये छूट क्रिमिनल मामलों में नहीं होती। यदि कोई मुख्यमंत्री या विधानसभा सदस्य किसी आपधारिक मामलों में दोषी पाया जाता है तो उसकी गिरफ्तारी की जा सकती है। इसके अलावा यदि मुख्यमंत्री के खिलाफ आरोप सिद्ध हो जाता है तो उसे चाहे सिविल हो या क्रिमिनल दोनों ही मामलों में गिरफ्तार किया जा सकता है।
विधानसभा अध्यक्ष की मंजूरी जरुरी
किसी मुख्यमंत्री या विधानसभा के सदस्य को उसके पद पर रहते हुए पुलिस पकड़ना चाहती है तो उसे सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष की इजाजत लेनी होगी। उनकी इजाजत के बाद ही उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। वहीं किसी विधानसभा सदस्य और सीएम को सदन से भी गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।
इसके अलावा धारा 135 में ये कहा गया है कि किसी भी सीएम या विधानसभा सदस्य को विधानसभा का सत्र शुरू होने के 40 दिन पहले और सत्र खत्म होने के 40 दिन बाद तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।
इस्तीफा जरुरी
अगर कोई सीएम अपने पद से इस्तीफा दे देता है तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है, फिर पुलिस को कहीं किसी से इजाजत लेने की आवाश्यकता नहीं होगी। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मामले में भी ऐसा ही हुआ था। उन्होंने पहले अपना इस्तीफा दिया था फिर उसके बाद ईडी ने उन्हें अरेस्ट किया था। बता दें कि अनुच्छेद 61 के तहत भारत के राष्ट्रपति और राज्यपाल को उनके पद पर रहते हुए अरेस्ट नहीं किया जा सकता। चाहे मामले सिविल हो या फिर क्रिमिनल। उनकी गिरफ्तारी तभी हो सकती है जब वो अपने पद से इस्तीफा दें।
Created On :   21 March 2024 11:02 PM IST