बालाघाट: कांग्रेस का साथ छोडने वाले विधायक प्रदीप जायसवाल के लिए खुले भाजपा के दरवाजे,आज भोपाल में पार्टी में हो सकते हैं शामिल
- जिले के बीजेपी नेता कर रहे विरोध
डिजिटल डेस्क,बालाघाट। 2018 में कांग्रेस से बगावत कर चुनाव लडऩे और जीतने वाले वारासिवनी के निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल के लिए अंतत: भाजपा के दरवाजे खुल गये हैं। वे शनिवार को लाव-लश्कर के साथ भोपाल पहुंच गये हैं। संभवत: वे कल भाजपा ज्वाइन कर लेंगे।
दो बार छोड़ा हाथ का साथ
1998 से 2013 तक लगातार 3 बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनने वाले प्रदीप जायसवाल ने 2018 के चुनाव के समय तब हाथ का साथ छोड़ दिया था जबकि पार्टी ने वारासिवनी सेे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय सिंह मसानी को टिकट दी थी। इससे खफा हो जायसवाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा तथा कांग्रेस व भाजपा प्रत्याशी को पीछे छोड़ते हुए चुनाव जीत लिया। संयोग से कांग्रेस की सरकार बन गई और जायसवाल उसे समर्थन दे कर कमलनाथ की कैबिनेट में शामिल हो गए। पंद्रह महीने बाद कमलनाथ सरकार गिरी तो वे शिवराज सिंह के साथ हो लिए।
पल-पल बदले समीकरण
बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों में जबकि वारासिवनी के भाजपाइयों सहित जिला भाजपा का एक बड़ा खेमा जायसवाल की पार्टी में एंट्री को लेकर विरोध में आ गया तो इन्होंने वापस कांग्रेस में जाने का मानस बनाया। प्रयास भी बहुत किये लेकिन कमलनाथ राजी नहीं हुए। ऐसे में प्रदीप पुन: मुख्यमंत्री के जरिये पार्टी में आने प्रयासरत हो गए। इन्हीं प्रयासों तथा बढ़ते विरोध के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इस महीने की शुरूआत में मेडिकल एवं लॉ कॉलेज के भवन का भूमिपूजन करने बालाघाट आए। इस दौरान उन्होंने जायसवाल को मंच पर पार्टी के तब तक घोषित प्रत्याशियों तथा अन्य सीटों के दावेदारों के साथ प्रथम पंक्ति में खड़ा कर, जनता से सभी नेताओं के लिये आशीर्वाद मांगा। उसी समय यह साफ हो गया था कि अपनों के विरोध के बावजूद पार्टी ने प्रदीप जायसवाल के लिए दरवाजे खोल दिए हैं।
Created On :   14 Oct 2023 11:29 PM IST